मुंबई , नवंबर 27 -- महाराष्ट्र में महायुति के सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बीच राजनीतिक खरीद-फरोख्त के आरोपों को लेकर बढ़ती दरार के बीच पार्टी सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने महाराष्ट्र के नेताओं को संयम बरतने की सलाह दी है।
निर्देश में सुझाव दिया गया है कि पार्टी मुंबई नगर निगम चुनावों की घोषणा होने तक सावधानीपूर्वक प्रतीक्षा एवं निगरानी का दृष्टिकोण अपना सकती है।
स्थानीय निकाय चुनावों से पहले, शिंदे सेना ने भाजपा पर विभिन्न स्तरों पर दलबदल कराने का आरोप लगाया है, जिसमें नगर निगम अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों और यहां तक कि जिला स्तर के पदाधिकारियों को भी अपने पाले में करने की कोशिशें शामिल हैं। इन आक्रामक कदमों ने कथित रूप से शिंदे खेमे में आंतरिक अशांति उत्पन्न कर दी है। यद्यपि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हाल ही में दिल्ली में विचार-विमर्श कर लौटे हैं, फिर भी दलबदल और नेताओं को लुभाने के कथित प्रयासों का सिलसिला कम होने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व सावधानी से कदम उठा रहा है और शिंदे गुट में चल रही उथल-पुथल में सीधे तौर पर शामिल होने से बच रहा है। जानकारी के अनुसार, भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने धैर्य पर बल दिया है और राज्य के नेताओं को मामले को तूल देने से बचने की सलाह दी है। मुंबई नगर निगम चुनाव दोनों सहयोगियों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई माना जा रहा है, इसलिए इस बात पर चर्चा चल रही है कि क्या शिंदे समूह के साथ गठबंधन जारी रखा जाए या स्वतंत्र चुनावी रणनीति अपनाई जाए।
भाजपा शिंदे-फडणवीस सरकार की स्थिरता बनाए रखने के प्रति भी सचेत है। इसलिए फिलहाल किसी भी राजनीतिक रूप से जोखिम भरे या विघटनकारी फैसले से बचने की कोशिश में है। इस बात पर अंतिम फैसला जल्द ही लेने की उम्मीद है कि भाजपा मुंबई नगर निगम चुनाव शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ मिलकर लड़ेगी या अकेले लड़ेगी।
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