जयपुर , अक्टूबर 10 -- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह 13 अक्टूबर को राजस्थान की राजधानी जयपुर में नवीन आपराधिक विधियों के क्रियान्वयन पर आयोजित प्रदर्शनी का उद़घाटन करेंगे।
तीन नवीन आपराधिक संहिताओं के एक जुलाई 2024 से लागू होने का एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में दंड के स्थान पर न्याय की अवधारणा को प्रदर्शित करते हुए यहां सीतापुरा में जयपुर एग्जिबिशन एवं कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में 13 से 18 अक्टूबर तक आयोजित प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहेंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य आमजन और सभी हितधारकों को इन नए कानूनों भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के महत्व और उपयोगिता से अवगत कराना है।
प्रदर्शनी में दण्ड देने के बजाय न्याय सुनिश्चित करने की अवधारणा को सरल रूप से प्रस्तुत किया जाएगा। आपराधिक न्याय प्रणाली को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और विधि विज्ञान के उपयोग का वीडियो, लाइव डेमों और लघु चलचित्रों के माध्यम से दर्शाया जाएगा। समयबद्ध और सरल प्रक्रिया से त्वरित न्याय की स्थापना पर हुए सकारात्मक परिवर्तनों को उजागर किया जाएगा। इसमें यह दिखाया जाएगा कि कैसे नए प्रावधानों से नागरिक एवं पीड़ित केन्द्रित दृष्टिकोण मजबूत हुआ है और आम नागरिकों के हितों का संरक्षण सुनिश्चित किया गया है। आदतन एवं गंभीर अपराध करने वाले अपराधियों के विरुद्ध सख्त विधिक कार्यवाही के दृष्टिकोण को स्पष्ट किया जाएगा।
यह प्रदर्शनी विशेष रूप से विद्यार्थियों, महिलाओं, अधिवक्ता, न्यायिक अधिकारियों और नागरिक संस्थाओं के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगी। विभिन्न प्रस्तुतियों के माध्यम से जनोपयोगी प्रावधानों को सुगम्य रूप से प्रसारित करने का यह एक बड़ा प्रयास है। प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में आमजन और छात्रों के भाग लेने की उम्मीद है। यह पहल पुलिस, अभियोजन, न्यायपालिका, कारागार और फोरेंसिक विभाग जैसे आपराधिक न्याय प्रणाली के सभी स्तंभों में आए सकारात्मक बदलावों को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करेगी।
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