यरूशलेम , अक्टूबर 04 -- इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रस्ताव को लेकर फिलीस्तीन समर्थक हमास के रूख पर श्री ट्रंप की घोषणा से चकित हैं।
एक्सियोस की रिपोर्ट के मुताबिक हमास ने कल कहा कि वह राष्ट्रव्यापी सहमति के मद्देनजर गाजा पट्टी का शासन एक फिलिस्तीनी समिति को सौंपने पर सहमत है। हमास ने श्री ट्रम्प की योजना के अनुसार सभी जीवित इजराइली बंधकों को रिहा करने और मृतकों के शव सौंपने पर भी सहमति दी और कहा कि आंदोलन एक अखिल-फिलिस्तीनी ढांचे के भीतर गाजा पट्टी के भविष्य पर चर्चा में भाग लेगा।
हमास के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री ट्रम्प ने सोशल पर कहा कि उन्हें भरोसा था कि हमास स्थायी शांति के लिये मान जायेगा। श्री ट्रम्प ने इजरायल से गाजा पर तुरंत बमबारी रोकने के लिये भी कहा है।
एक इजरायली अधिकारी ने एक्सियोस को बताया कि श्री नेतन्याहू, श्री ट्रम्प की इस प्रतिक्रिया पर आश्चर्यचकित हैं। अधिकारी ने कहा कि नेतन्याहू ने ट्रुथ सोशल पर ट्रम्प की पोस्ट से पहले कल एक बातचीत के दौरान इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन के साथ उनकी प्रतिक्रिया पर समन्वय की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित न हो कि हमास ने श्री ट्रम्प की योजना पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
जैसा कि एक्सियोस ने अधिकारी के हवाले से कल बताया कि बंधकों के मुद्दे को देख रही इजरायली वार्ता टीम ने वास्तव में हमास की प्रतिक्रिया को सकारात्मक प्रतिक्रिया के रूप में देखा ।
इजरायली सेना रेडियो (गैली तजाहल) ने कल बताया कि इजरायल के राजनीतिक नेतृत्व ने सेना को निर्देश दिया है कि वह गाजा शहर पर कब्जा करने के लिये अपना अभियान रोक दे तथा श्री ट्रम्प की शांति योजना को लागू करने के लिए युद्धरत दलों के बीच हुए समझौते के बाद पट्टी में गतिविधि को कम कर दे।
श्री नेतन्याहू के कार्यालय ने कल हमास की प्रतिक्रिया के बाद कहा कि इजरायल सभी बंधकों को मुक्त करने की श्री ट्रम्प की योजना के पहले चरण को तुरंत लागू कर रहा है।
सोमवार को श्री ट्रंप ने गाजा संघर्ष को सुलझाने के लिए एक 20-सूत्रीय योजना पेश की। इस प्रस्ताव में अन्य बातों के अलावा, तत्काल युद्धविराम और 72 घंटों के भीतर बंधकों की रिहाई का आह्वान किया गया है।
योजना में यह भी प्रावधान है कि हमास और अन्य गुटों को गाजा पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शासन करने में अपनी भागीदारी छोड़नी होगी। इस क्षेत्र का शासन एक "तकनीकी, गैर-राजनीतिक फिलिस्तीनी समिति" द्वारा किया जाएगा, जिसकी देखरेख ट्रम्प की अध्यक्षता वाला एक अंतरराष्ट्रीय बोर्ड करेगा।
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