चंडीगढ़ , अक्टूबर 11 -- पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने शनिवार को रेल मंत्रालय से श्री आनंदपुर साहिब के पवित्र शहर के लिए रेल सेवाओं में पर्याप्त वृद्धि करने की अपील की है, ताकि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस पर नौवें गुरू और उनके समर्पित शिष्यों भाई मति दास जी, भाई सती दास जी और भाई दयाला जी के सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए निर्बाध यात्रा की सुविधा हो सके।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू को लिखे एक पत्र में श्री बैंस ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के लिए श्री आनंदपुर साहिब में एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई है। उन्होने 15 से 30 नवंबर, 2025 के बीच नई दिल्ली से वंदे भारत एक्सप्रेस सेवाओं को दोगुना करने की मांग की है। उन्होंने 22 से 25 नवंबर, 2025 तक श्री आनंदपुर साहिब में होने वाले भव्य आयोजनों में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की निर्बाध यात्रा की सुविधा के लिए तख्त श्री पटना साहिब, तख्त श्री हजूर साहिब नांदेड़ (महाराष्ट्र), श्री अमृतसर साहिब और अन्य प्रमुख शहरों सहित देश भर के प्रमुख आध्यात्मिक केंद्रों से विशेष तीर्थयात्री ट्रेनों के संचालन का भी आग्रह किया।
श्री आनंदपुर साहिब के धार्मिक महत्व और पवित्र इतिहास पर प्रकाश डालते हुए, शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस शहर की स्थापना श्री गुरु तेग बहादुर जी ने की थी और यह वह पवित्र स्थल था जहाँ धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे कश्मीरी पंडितों ने शरण और सुरक्षा प्राप्त की थी। श्री आनंदपुर साहिब की धरती से ही गुरु साहिब ने मानवता और अंतरात्मा की स्वतंत्रता के लिए दिल्ली में शहादत की अपनी अंतिम यात्रा शुरू की थी। बाद में, भाई जैता जी (बाबा जीवन सिंह जी) द्वारा उनके पवित्र 'सीस' को श्रद्धापूर्वक श्री आनंदपुर साहिब वापस लाया गया और यहीं उनका अंतिम संस्कार किया गया, जिससे यह धरती विश्व इतिहास के सबसे पूजनीय अध्यायों में से एक का जीवंत प्रमाण बन गई।
उन्होंने कहा, "यह पवित्र भूमि बलिदान का जीवंत प्रमाण है, जो भारत की अंतरात्मा को परिभाषित करता है। यह सुनिश्चित करना हमारा पवित्र कर्तव्य है कि इस ऐतिहासिक वर्षगांठ के दौरान दर्शन करने के इच्छुक प्रत्येक श्रद्धालु बिना किसी कठिनाई के ऐसा कर सके।" उन्होंने बताया कि वर्तमान में एक वंदे भारत एक्सप्रेस दिल्ली को श्री आनंदपुर साहिब होते हुए अंब अंदौरा से जोड़ती है। उन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर पर संगत के लिए रेल सेवाओं को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
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