जयपुर , अक्टूबर 03 -- राजस्थान में राजस्थान विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शस्त्र पूजन कार्यक्रम में बाधा डालने एवं राजकीय संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के मामले में गिरफ्तार भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) के प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ सहित नौ आरोपियों की जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है।

अवकाशकालीन न्यायाधीश, न्यायिक मजिस्ट्रेट (दक्षिण) मेट्रो प्रथम नीलम सुलभ जैन ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) एवं सार्वजनिक सम्पत्ति क्षति निवारण (पीडीपीपी) अधिनियम के तहत आरोप गंभीर मानते हुए प्रार्थना पत्र अस्वीकार कर दिया।

जिन आरोपियों की जमानत याचिकाएँ खारिज हुईं, उनमें विनोद जाखड़, किशोर चौधरी, मनीष, महेश चौधरी, रामसिंह साओता, विकास, साहिल, अक्षय और राकेश कुमार सैनी शामिल हैं।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपियों ने कार्यक्रम स्थल पर लगाए गए पोडियम को गिराया, पोस्टर फाड़े और वहां मौजूद लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया। साथ ही पुलिस वाहन की लाइट तोड़कर राजकीय संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया। अभियोजन ने यह भी बताया कि आरोपी विनोद जाखड़ के खिलाफ विभिन्न थानों में पहले से ही छह मामले दर्ज हैं।

वहीं बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि पुलिस ने विधिक प्रावधानों की अवहेलना करते हुए दोहरी कार्रवाई की है। पहले आरोपियों को शांतिभंग और अपराध की संभावना के आधार पर गिरफ्तार किया गया, बाद में उन्हीं पर गंभीर अपराधों में पुनः गिरफ्तारी दर्शाई गई। बचाव पक्ष ने इसे कानूनन अनुचित बताया।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित