मुंबई , नवंबर 22 -- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को पार्टी की आधिकारिक बैठक के बाद शिवसेना (उद्धव गुट) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
श्री पवार के इस फैसले से आने वाले मुंबई नगर निगम चुनाव में कांग्रेस बिल्कुल अलग-थलग पड़ सकती है। उन्होंने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे दोनों को अपना समर्थन दिया है, हालांकि कांग्रेस को भी दोनों से हाथ मिलाने की सलाह दी है।
कांग्रेस की मुंबई इकाई की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने हालांकि उन दलों के साथ गठबंधन करने से साफ इनकार कर दिया है, जो 'हिंसा का सहारा लेती हैं या कानून अपने हाथ में लेती हैं,' उनके इस रुख से विपक्षी समूह में साफ मतभेद पैदा हो गया है।
राकंपा (शरद पवार गुट) नेताओं ने मुंबई में अपनी कार्यकारिणी बैठक के दौरान एकमत से शिवसेना (उद्धव) और मनसे के साथ मिलकर स्थानीय चुनाव लड़ने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। श्री पवार ने संकेत दिया है कि वह मुंबई में महा विकास अघाड़ी के मिलकर चुनाव लड़ने की संभावना के बारे में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से बात करेंगे। मौजूदा घटनाक्रम हालांकि एक अलग ही दिशा की ओर इशारा करते हैं।
शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने पुष्टि की कि उनकी पार्टी मनसे के साथ एक समझौते पर पहुँच गई है और कहा कि कांग्रेस के साथ बातचीत होगी। उन्होंने भरोसा जताया कि अंदरूनी बातचीत के बाद कांग्रेस आखिरकार मनसे के साथ चुनाव लड़ने के लिए मान जाएगी।
मनसे के महासचिव संदीप देशपांडे ने कहा कि उनकी पार्टी ने अभी तक किसी औपचारिक गठबंधन का प्रस्ताव नहीं दिया है। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में कांग्रेस नेताओं के पास फैसले लेने का अधिकार नहीं है। इससे पता चलता है कि कांग्रेस के मध्यम स्तर के पदाधिकारियों के रुख के बाद राज ठाकरे मनसे की रुख की घोषणा करेंगे।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित