नयी दिल्ली , नवंबर 25 -- दिल्ली के भारत मंडपम में जारी 44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में राजस्थान के विभिन्न पर्यटक स्थलों के मॉडल तथा हस्तकला और अन्य प्रसिद्ध उत्पाद आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं।

राजस्थान मंडप में हाड़ौती, मेवाड, मेरवाड़ा अंचलों को विशेष रूप से तैयार किया गया है, जहां आगंतुक सेल्फी लेते दिखायी दिये।

राज्य की पारंपरिक कला और संस्कृति ने लोगों का मन मोह लिया। लोक कला का स्टॉल हर दिन भीड़ से भरा रहा। लोग लंबे समय तक रुककर कलाकृतियों को देखते रहे। मंडप में राज्य की प्रसिद्ध कठपुतलियां, बंदनवार, डोर-हैंगिंग्स, घरेलू साज-सज्जा की खूबसूरती सबको अपनी ओर आकर्षित कर रही है।

मेले में केवल वस्तुएं ही नहीं, बल्कि राजस्थान की लोक-संस्कृति की जीवंत झलक भी देखने को मिली। यहां कठपुतली शो और राजस्थानी लोकनृत्य का मंचन किया गया, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए।

कठपुतली प्रर्दशन के लिए सीकर से आए कलाकार अशोक भट्ट ने बताया कि वह लंबे समय से राजस्थान की पारंपरिक कला से जुड़े हुए हैं और पिछले कई वर्षों से विभिन्न मेलों तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपनी कला का प्रदर्शन करते आ रहे हैं। उनके लिए कला सिर्फ काम नहीं बल्कि जीवन का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि जब लोग उनके काम को समझते हैं और सराहते हैं, तो उन्हें लगता है कि उनकी मेहनत सफल हुई।

मेले के दौरान रोमानिया के प्रतिनिधिमंडल ने भी राजस्थान मंडप का अवलोकन किया। इस प्रतिनिधिमंडल ने मंडप में लगे स्टॉल्स का भ्रमण कर संचालकों से बात की। उन्होंने मंडप में प्रदर्शित उत्पादों की काफी सराहना की।

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