नयी दिल्ली , नवंबर 23 -- उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला उत्तराखंड की संस्कृति, हस्तशिल्प और समृद्ध विरासत को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित करने का अवसर है और इसमें आयोजित सांस्कृतिक संध्या राज्य की लोक संस्कृति और परंपरा की जीवंत झलक पेश करती है।
श्री धामी ने रविवार को यहां प्रगति मैदान में 44वें भारतीय अन्तरराष्ट्रीय व्यापार मेले में उत्तराखण्ड दिवस समारोह पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड पवेलियन में भारी संख्या में मौजूद नागरिकों तथा कलाकारों को संबोधित करते हुए कहा, "उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमारे पारंपरिक मेलों, उत्सवों और लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन फेस्टिवल' के रूप में विकसित करने का आव्हान किया है। इस पहल से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले पारंपरिक मेलों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नयी पहचान मिलेगी। स्थानीय उत्पादों, हस्तशिल्प, लोककला और पर्यटन को भी इससे पहचान मिलेगी।"उत्तराखंड को प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी बनाने का संकल्प दोहराते हुए उन्होंने कहा कि श्री मोदी के मार्गदर्शन में उनकी सरकार प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी बनने का संकल्प लेकर चल रही है। इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में आधुनिक ढांचा विकसित करने का काम हो रहा है।
श्री धामी ने कहा कि राज्य में 'वोकल फॉर लोकल', 'मेक इन इंडिया' और 'स्टार्टअप इंडिया' जैसी पहलों के माध्यम से विकसित भारत और विकसित उत्तराखंड बनाने के स्वप्न को साकार करने की दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। देवभूमि को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी निरंतर काम हो रहा है। इसके लिए केदारखंड और मानसखंड क्षेत्र के मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए योजनायें बनाने के साथ हरिपुर कालसी में यमुनातीर्थ स्थल के पुनरुद्धार, हरिद्वार ऋषिकेश कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर के निर्माण का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान ऐलान किया कि राज्य के रजत जयंती वर्ष पर व्यापार मेले में राज्य के पवेलियन में स्थानीय उत्पादों को शुल्कमुक्त किया जाएगा। उन्होंने पवेलियन में मौजूद लोगों को बताया किइस वर्ष राज्य पवेलियन में हथकरघा बुनकरों एवं अन्य उत्पाद धारकों द्वारा अब तक करीब एक करोड रुपये का बिजनेस हुआ तथा 2.50 करोड के ऑर्डर प्राप्त हुए है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके उत्पादों की बिक्री 2.50 करोड से अधिक की होगी।
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