चंडीगढ़ , दिसंबर 01 -- हरियाणा के वन एवं पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए पौधारोपण और उसके रखरखाव की पूरी निविदा प्रक्रिया को अनिवार्य रूप से हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल से जोड़ा जाये। उन्होंने स्पष्ट किया कि पौधे तैयार होने के बाद उनके रखरखाव को भी निविदा प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा बनाया जाएगा, ताकि लगाये गये पौधे सुरक्षित रहें और उनकी जीवित रहने की दर बढ़े।

मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित निगरानी की जाएगी कि ठेकेदार हर महीने श्रमिकों के लिए ईएसआई अंशदान जमा करें, जिससे श्रमिकों के हित सुरक्षित रह सकें। उन्होंने यह भी कहा कि निविदा प्रक्रिया में वन विभाग के अधिकारियों (डीएफओ) का एकाधिकार नहीं होने दिया जाएगा और एक पारदर्शी प्रणाली लागू की जाएगी।

श्री सिंह आज यहां विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

बैठक में बताया गया कि राज्य में वन विभाग की कुल 87 रेंज हैं और वर्तमान में पौधारोपण के लिए पांच वर्षीय अवधि की निविदाएं जारी की जाती हैं। मंत्री ने निर्देश दिये कि नहरों के दोनों ओर अधिकतम पौधारोपण किया जाये। इसके लिए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के साथ संयुक्त पैमाइश की जाएगी। अतिक्रमण हटाकर साफ़ की गयी भूमि पर व्यापक पौधारोपण किया जाएगा।

मंत्री ने यह भी कहा कि नर्सरियों के लिए अलग बजट का प्रस्ताव विचाराधीन है। सरकार का लक्ष्य केंद्र और राज्य योजनाओं के तहत पंचायत और अन्य सरकारी भूमि पर हर वर्ष अधिक से अधिक पौधे लगाना और उनके रखरखाव की स्पष्ट जिम्मेदारी तय करना है।

बैठक में वन एवं पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, सभी प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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