नई दिल्ली , दिसंबर 17 -- विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान ((एमडीएनआईवाई) का दौरा किया और संस्थान के विद्यार्थियों के 'योग फ्यूजन' प्रदर्शन कार्यक्रम का अवलोकन किया।
द्वितीय डब्ल्यूएचओ वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले 53 प्रतिभागियों के इस प्रतिनिधिमंडल का एमडीएनआईवाई, आयुष मंत्रालय का दौरा करने का उद्देश्य आधुनिक विज्ञान और चिकित्सा के साथ योग को एकीकृत करने के भारत के दृष्टिकोण को समझना था।
इस दौरान, प्रो. (डॉ.) काशीनाथ समगंडी, निदेशक, एमडीएनआईवाई ने संस्थान की योग संबंधी प्रमुख गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने 'सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज' के डब्ल्यूएचओ के अधिदेश के अनुरूप, भारत की आयुष प्रणालियों में योग को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताया, क्योंकि इसमें समकालीन विज्ञान के हर पहलू में समाहित होने की अद्वितीय क्षमता है।
कार्यक्रम के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने एमडीएनआईवाई विद्यार्थियों के 'योग फ्यूजन' प्रदर्शन और अन्य कार्यक्रमों का भी अवलोकन किया।
इस अवसर पर भूटान की शाही सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक, श्री किंगा जमफेल ने कहा, "हमारे लिए यह यात्रा सीखने का एक बहुमूल्य अवसर रही और हम भविष्य में भी सहयोग की आशा रखते हैं।"डॉ. टिबो जीन-मैरी कॉम्पोरे ने कहा, "बुर्किना फासो में हमारा एक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र है और मैं वापस जाकर एमडीएनआईवाई के अपने अनुभव को वहां साझा करूंगा।"प्रतिनिधियों ने संस्थान के 'डब्ल्यूएचओ सहयोग केंद्र' का भी दौरा किया।
संस्थान का दौरा करते हुए प्रतिनिधियों ने एमडीएनआईवाई की विभिन्न सुविधाओं जैसे एनएबीएच मान्यता प्राप्त ओपीडी, अनुसंधान विंग और पुस्तकालय का अवलोकन किया। कार्यक्रम के दौरान एमडीएनआईवाई के सी एंड डीओ मो. तैयब आलम और कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आई. एन. आचार्य सहित संकाय के अन्य सदस्य और कर्मचारी उपस्थित थे।
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