अहमदाबाद, सितंबर 29 -- वरिष्ठ साहित्यकार एवं उत्तर गुजरात परिक्षेत्र, अहमदाबाद के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने सोमवार को यहां कहा कि हिंदी विश्व में एक अरब 30 करोड़ लोगों के साथ तीसरी सबसे बड़ी, बोली जाने वाली भाषा है।

श्री यादव ने डाक विभाग द्वारा आज क्षेत्रीय कार्यालय, अहमदाबाद में आयोजित हिंदी पखवाड़ा समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हिंदी राजभाषा के साथ-साथ भारत की गौरवशाली साहित्यिक परंपरा और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि भाषा है। यह केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी संवेदनाओं, मूल्यों और पहचान की अभिव्यक्ति है। वर्तमान समय में हिंदी की पहुँच भारत तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह भाषा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रही है। विश्व के अनेक देशों में हिंदी न केवल बोली जा रही है, बल्कि उसे पढ़ा और सराहा भी जा रहा है। यह भाषा हमारे हृदय की भावना है, जो जीवन के प्रत्येक रंग को सहजता से अभिव्यक्त करती है। हमें हिंदी पर गर्व है, क्योंकि यह न केवल हमारी मातृभाषा व राजभाषा है, बल्कि हमारी संस्कृति, सभ्यता और आत्मसम्मान का प्रतीक भी है। अतः हिंदी को अपनाना, उसका प्रयोग करना और उसके विकास में सहभागी बनना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है।

इस अवसर पर हिंदी पखवाड़ा के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को उन्होंने पुरस्कृत किया। पोस्टमास्टर जनरल ने कहा कि हिंदी अपनी सरलता, सुबोधता और वैज्ञानिकता के कारण विश्व की तीसरी सबसे बड़ी बोली जाने वाली भाषा बन चुकी है। पूरी दुनिया में एक अरब 30 करोड़ लोग हिंदी बोलने व समझने में सक्षम हैं। हजारों वर्षों से लोकभाषा और जनभाषा के रूप में हिंदी भारतीय समाज के व्यापक हिस्से का प्रतिनिधित्व करती रही है। हिंदी अब केवल साहित्य और बोलचाल की भाषा नहीं, बल्कि विज्ञान-प्रौद्योगिकी, संचार क्रांति, सूचना प्रौद्योगिकी और व्यापार की प्रमुख भाषा बन चुकी है। इसी कारण ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में 18 हजार से ज्यादा हिंदी शब्द शामिल हुए हैं।

डिजिटल युग में वेबसाइट्स, ब्लॉग और सोशल मीडिया के माध्यम से हिंदी का प्रभाव और भी बढ़ा है। हिंदी की मधुरता में 'वसुधैव कुटुम्बकम्' की भावना निहित है और इसकी सरलता में गहन ज्ञान समाहित है। आज के अमृत काल में हिंदी को परिवर्तन और विकास की भाषा के रूप में नया आयाम मिला है। हिंदी की सबसे बड़ी ताकत इसके बोलने वालों की विशाल संख्या है। हिंदी न केवल हमारी मातृभाषा है, बल्कि राजभाषा भी है। अतः इसे केवल राजकीय कार्यक्रमों तक सीमित न रखते हुए अपनी दैनिक जीवनशैली में अपनाना और आने वाली पीढ़ियों को इसके प्रचार-प्रसार के लिए प्रेरित करना आवश्यक है।

सहायक निदेशक (राजभाषा) एम. एम. शेख ने बताया कि डाक विभाग की ओर से हिंदी पखवाड़े के दौरान हिंदी निबंध लेखन, हिंदी काव्य पठन, हिंदी व्याकरण, हिंदी प्रश्नोत्तरी, हिंदी से अंग्रेजी और अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद, हिंदी अंताक्षरी और तात्कालिक भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें सभी कर्मियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और हिंदी पखवाड़े को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।

हिंदी पखवाड़ा के दौरान आयोजित विभिन्न कार्यक्रम के विजेताओं को पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने पुरस्कृत किया। कार्यक्रम का संचालन चिरायु व्यास, स्वागत भाषण सहायक निदेशक वी. एम वहोरा और आभार ज्ञापन सहायक निदेशक (राजभाषा) एम. एम. शेख ने किया।

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