भोपाल , अक्टूबर 17 -- दिल्ली-एनसीआर के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में आयोजित 60वें इंडियन हैंडीक्राफ्ट्स एंड गिफ्ट्स दिल्ली फेयर 2025 में मध्यप्रदेश की पारंपरिक बाग प्रिंट कला ने देश-विदेश के खरीदारों और डिजाइनरों का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस विश्वप्रसिद्ध मेले में बाग प्रिंट न केवल भारत की सांस्कृतिक पहचान के रूप में उभरा, बल्कि पर्यावरण-अनुकूल और प्राकृतिक हस्तशिल्प के उदाहरण के तौर पर भी सराहा गया।
एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट्स द्वारा आयोजित इस मेले को दुनिया के सबसे बड़े B2B ट्रेड फेयर्स में गिना जाता है। पाँच दिवसीय आयोजन में 3,000 से अधिक भारतीय निर्माता और निर्यातक तथा 110 से अधिक देशों के खरीदारों ने भाग लिया। इनमें अमेरिका, फ्रांस, जापान, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के आयातक भी शामिल थे।
धार जिले के शिल्पकार आरिफ खत्री ने बाग प्रिंट की पारंपरिक तकनीक और प्राकृतिक रंगों की विशेषता को प्रदर्शित किया। उन्होंने बताया कि यह कला पूरी तरह हाथ से की जाती है और लकड़ी के ब्लॉक के माध्यम से कपड़े पर डिज़ाइन उकेरी जाती है। विदेशी प्रतिनिधियों ने बाग प्रिंट के इतिहास, प्रक्रिया और पर्यावरण-अनुकूल स्वरूप में गहरी रुचि दिखाई तथा इसके वैश्विक प्रसार के लिए सहयोग की इच्छा व्यक्त की।
मध्यप्रदेश का बाग प्रिंट भारत सरकार से जीआई टैग प्राप्त है और यह वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना के तहत धार जिले का प्रतिनिधि उत्पाद है। बाग प्रिंट न केवल प्रदेश की गौरवशाली सांस्कृतिक परंपरा को जीवित रखे हुए है, बल्कि 'मेक इन इंडिया' की भावना को भी साकार कर रहा है।
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