श्रीनगर पौड़ी जनपद , अक्टूबर 15 -- उत्तराखंड में गढ़वाल की सांस्कृतिक राजधानी श्रीनगर में एक बार फिर अध्यात्म,आस्था और संस्कृति का पर्व रंग बिखेरने को तैयार है।
नगर के ऐतिहासिक आवास विकास मैदान में 4 नवंबर से प्रारंभ होकर 13 नवंबर तक चलने वाले विश्वविख्यात बैकुंठ चतुर्दशी मेले का इस वर्ष भव्य आयोजन किया जा रहा है। नगर निगम मेयर आरती भंडारी,उपजिलाधिकारी एवं नगर आयुक्त नूपुर वर्मा तथा नगर उप आयुक्त रविराज बंगारी ने बताया कि इस बार मेले को नई ऊर्जा और पारम्परिक गरिमा के साथ मनाया जाएगा।
मेले का शुभारंभ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 4 नवंबर को करेंगे,जबकि 5 नवंबर को मेले के संरक्षक एवं श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं कैबिनेट मंत्री डॉ.धन सिंह रावत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। बैकुंठ चतुर्दशी का यह पौराणिक मेला श्रीनगर की पहचान और गौरव का प्रतीक है।
भारत के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ विदेशों से भी श्रद्धालु इस मेले में दर्शन व भागीदारी के लिए पहुंचते हैं। नगर के प्रमुख मंदिर कमलेश्वर महादेव,नागेश्वर महादेव,कटकेश्वर महादेव,गणेश मंदिर,कंसमरदनी और अन्य सभी प्रमुख मंदिरों को विशेष रूप से सुसज्जित किए जाएंगे। दीपमालाओं से जगमगाते मंदिरों का दृश्य मन को मोह लेने वाला होगा।
नगर निगम द्वारा इस वर्ष मेले को आधुनिकता और परम्परा के संगम के रूप में प्रस्तुत करने की विशेष योजना बनाई गई है। स्थानीय मुख्य गोला बाजार में पहाड़ी परिधान पर आधारित फैशन शो,स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियां,कृष्ण लीला,लोकनृत्य,गणेश वंदना और मैजिक शो जैसे अनेक आकर्षक कार्यक्रम होंगे। पहली बार मेले में केबीसी शैली का इंटरैक्टिव शो,कवि सम्मेलन,जागृति प्रोग्राम,तथा संत निरंकारी मिशन द्वारा संत समागम का भी आयोजन किया जाएगा।
इसके साथ ही श्रीनगर के सितारे कार्यक्रम प्रसिद्ध लोकगायक अमित सागर के निर्देशन में आयोजित होगा,जिसमें स्थानीय प्रतिभाओं को मंच प्रदान किया जाएगा। गढ़वाल की लोक संस्कृति और परंपराओं को जीवंत करने के उद्देश्य से इस बार विशेष रूप से प्रसिद्ध जागर सम्राट हेमा करासी अपनी प्रस्तुति देंगे। मेले के मंचों पर पारंपरिक नृत्य,संगीत और लोकगीतों के माध्यम से देवभूमि की आत्मा को महसूस किया जा सकेगा। मेला परिसर में आकर्षक सजावट की जाएगी। नगर निगम ने घोषणा की है कि जो दुकानें सबसे सुंदर और सजीव रूप में सजाई जाएंगी,उन्हें विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। मेयर आरती भंडारी ने कहा कि यह मेला हमारी लोक-संस्कृति,अध्यात्म और सामुदायिक एकता का प्रतीक है। नगर निगम की पूरी टीम इसे भव्य,सुरक्षित और यादगार बनाने में जुटी है।
श्रीनगर का यह बैकुंठ चतुर्दशी मेला न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है,बल्कि यह गढ़वाल की सांस्कृतिक आत्मा का जीवंत उत्सव भी है जहां परंपरा और आधुनिकता एक साथ झिलमिलाती हैं।
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