देहरादून , दिसंबर 12 -- उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने शुक्रवार को विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को गोद लेने वाले माता-पिताओं को सम्मानित किया।
दत्तक ग्रहण माह के अवसर पर संस्कृति विभाग के सभागार में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर श्रीमती आर्या ने कहा कि दुनिया में कोई बच्चा अनाथ न रहे, सबको उचित पोषण और मातृत्व मिले यह पूरे समाज की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि कोई दंपति जब किसी अनाथ को गोद लेने का विचार करता है तो यह उन पर ईश्वर की विशेष अनुकंपा के कारण ही संभव होता है। उन्होंने कहा कि अपना खून ही बुढ़ापे की लाठी बनेगा, यह रूढ़िवादी सोच है। किसी भी बच्चे के लिए माता-पिता का सम्मान और आत्मीयता, उनका खून का रिश्ता नहीं बल्कि बच्चों को दिए गए संस्कार तय करते हैं।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री ने देश के विभिन्न राज्यों से आए दत्तक माता-पिता को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के विशेष पोस्टर का अनावरण भी किया। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश में कुल 185 बच्चों को दत्तक ग्रहण कराया गया है जिनमें से 29 को अप्रवासी भारतीय (एनआरआई) माता-पिता ने गोद लिया है। उन्होंने बताया कि इनमें नौ विशेष आवश्यकता वाले बच्चे भी शामिल हैं लेकिन यह संख्या बढाए जाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में सचिव चंद्रेश कुमार, निदेशक बंशीलाल राणा, सीपीओ अंजना गुप्ता और सभी जनपदों के जिला प्रोबेशन अधिकारी शामिल रहे।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित