नागपुर , दिसंबर 07 -- महाराष्ट्र विधान परिषद के अध्यक्ष राम शिंदे ने रविवार को पुष्टि की कि उनके कार्यालय को विपक्ष के नेता की नियुक्ति के संबंध में एक प्रस्ताव मिला है और सभी संबंधित पार्टियों से सलाह-मशविरा करने के बाद उचित समय पर फैसला लिया जाएगा।
श्री राम शिंदे ने राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर यहां संवाददाताओं से कहा, "हमें विपक्ष के नेता की नियुक्ति के लिए विपक्ष का प्रस्ताव मिला है। सर्वसंबंधितों के साथ चर्चा के बाद फैसला लिया जाएगा।"विधान परिषद में विपक्ष के नेता का पद जुलाई से खाली है, जब शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे का कार्यकाल खत्म हो गया था।
विपक्ष के नेता तय करने में पिछली विधायी परंपराओं को बनाए रखने पर विपक्ष के जोर देने पर श्री राम शिंदे ने कहा कि आजादी के बाद के दौर की प्रथाओं के 2025 में भी बिना किसी बदलाव के जारी रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने जोर दिया कि यह जरूरी नहीं है कि 1947 से अपनाई जा रही विधायी प्रक्रियाएं आज भी उसी तरह से काम करें।
उन्होंने हालांकि आश्वासन दिया कि विदर्भ और विपक्ष की ओर से उठाए गए अन्य क्षेत्रीय मुद्दों से संबंधित मुद्दों पर सत्र के दौरान उचित रूप से गौर किया जायेगा।
गौरतलब है कि अगर विपक्ष के नेता की नियुक्ति नहीं होती है, तो यह महाराष्ट्र के इतिहास में पहला सत्र होगा जहां दोनों सदन विपक्ष के नेता के बिना काम करेंगे, जो एक संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण पद है।
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