मुंबई , अक्टूबर 01 -- देश के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में सितंबर में भी मजबूत वृद्धि देखी गयी हालांकि वृद्धि की रफ्तार अगस्त की तुलना में कम रही।

एचएसबीसी द्वारा बुधवार को जारी खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) सितंबर में 57.7 रहा। इसका 50 से अधिक रहना गतिविधियों में पिछले महीने के मुकाबले वृद्धि को दर्शाता है जो मई के बाद सबसे कम है। पीएमआई अगस्त में 59.3 रहा था।

एचएसबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि नये ऑर्डरों, आउटपुट और कच्चे माल की खरीद में वृद्धि की रफ्तार इस साल मई के बाद सबसे कम रही। हालांकि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में 22 सितंबर से लागू कटौती के बाद कंपनियां निकट भविष्य में उत्पादन बढ़ने को लेकर आशांवित हैं।

भारत में एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, "सितंबर में मुख्य सूचकांक में नरमी देखी गयी है, लेकिन यह दीर्घकालिक औसत से काफी ऊपर रहा। नये निर्यात ऑर्डरों में वृद्धि की रफ्तार सितंबर में तेज हुई जिससे लगता है कि अमेरिका से कम मांग की भरपाई दूसरे देशों के आने वाली मांग से हो रही है।"रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्यात मांग मुख्य रूप से एशिया, यूरोप, अमेरिका और पश्चिम एशिया के देशों से आयी है।

सर्वेक्षण में भाग लेने वाले सदस्यों ने बताया कि बैटरी, कपास, इलेक्ट्रॉनिक घटक और इस्पात के दाम बढ़ने से सितंबर में लागत मूल्य में वृद्धि हुई है।

कंपनियों ने सितंबर में रोजगार के नये अवसर जरूर दिये, लेकिन उसकी रफ्तार एक साल के निचले स्तर पर रही। महज दो प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि नयी भर्ती के बाद उनके कर्मचारियों की संख्या बढ़ी है।

एचएसबीसी मासिक आधार पर विनिर्माण और सेवा गतिविधियों में उतार-चढ़ाव के खरीद प्रबंधक सूचकांक जारी करता है। यह रिपोर्ट सर्वेक्षण में शामिल खरीद प्रबंधकों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर तैयार की जाती है।

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