कपूरथला , नवंबर 29 -- स्कूली छात्रों को विज्ञान एवं तकनीकी के विभिन्न क्षेत्रों के क्रियाशील मॉडल विकसित करने, खोज और रचनात्मक कार्यों के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से पुष्पा गुजराल साइंस सिटी द्वारा शनिवार को साइंस मेले-2025 का आयोजन किया गया। इस विज्ञान मेले में पंजाब के विभिन्न जिलों से आये 300 से अधिक स्कूली विद्यार्थियों ने आधुनिक आविष्कारों पर आधारित मॉडल प्रदर्शित किये।
इस अवसर पर साइंस सिटी के निदेशक डॉ राजेश ग्रोवर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि रचनात्मकता ज्ञान, जिज्ञासा और कल्पना से ही उत्पन्न होती है और यही तीनों मिलकर नवीनता को और भी आगे बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि केवल ज्ञान से ही रचनात्मकता संभव नहीं है, बल्कि ज्ञान और जिज्ञासा के साथ नए विचारों के उत्पन्न होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। डॉ. ग्रोवर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं को खुल कर सोचने का अवसर देना चाहिए, ताकि समाज की भलाई के लिए सार्थक परिणाम निकल सकें। उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि सवाल पूछने से डरने या किसी भी अन्य रुकावट के कारण जिज्ञासा को कभी भी दबने न दें।
इस अवसर पर डॉ. ग्रोवर ने विद्यार्थियों द्वारा जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, कृषि और स्थायी विकास की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किये गये मॉडल्स एवं रचनात्मक कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इतनी छोटी उम्र के विद्यार्थियों की नवाचारी सोच वास्तव में बहुत प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि आज के विद्यार्थियों यदि वे योग्यता और समाज की समस्याओं का हल करने वाले बनेंगे, तो एक बेहतर और स्थायी भविष्य का आकार दिया जा सकता है। इस अवसर पर साइंस सिटी के वैज्ञानिक इंजीनियर रितेश पाठक ने युवाओं को साइंस सिटी में स्थापित इनोवेशन हब के साथ साझेदारी करने के लिए उत्साहित किया, जहां युवाओं की युक्तियों और विचारों को उपयोगी और समाज को नई दिशा देने वाले प्रोजेक्टों में बदला जाता है। उन्होंने कहा कि कल्पना को असली नतीजों में बदलने से जहां आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है, वहीं इससे कुछ नया सीखने का उत्साह भी पैदा होता है।
इस अवसर पर एन.आई.टी जालंधर के विशेषज्ञ डॉ. अफजल, डॉ. बलविंदर राज और डॉ. महेश कुमार ने विद्यार्थियों द्वारा तैयार किये गये खोजपूर्ण मॉडल्स की निरीक्षण किया। इस विज्ञान मेले में 5000 रुपये का पहला पुरस्कार बी.सी.एम. आरिया मॉडल स्कूल लुधियाना ने जीता, जबकि शहीद सिपाही संदीप सिंह सरकारी एमीनैस स्कूल बठिंडा ने 3000 रुपये का दूसरा पुरस्कार प्राप्त किया। इसी तरह इनोसेंट हार्ट लाहौर जालंधर 2000 रुपये का पुरस्कार जीतकर तीसरे स्थान पर रहा।
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