बैतूल , अक्टूबर 27 -- मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में चिचोली विकासखंड के फोंगरिया गांव के धातु शिल्पकार विजय साकरे ने अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा से बैतूल जिले का नाम गौरवान्वित किया है। उज्जैन स्थित कालिदास अकादमी ने उन्हें आमंत्रित किया, जहां उन्होंने महान संस्कृत कवि कालिदास के प्रसिद्ध नाटक 'मालविकाग्निमित्रम्' से प्रेरित 16 किलो वजनी पंचधातु की अद्भुत प्रतिमा तैयार की।

विजय साकरे ने नाटक का गहन अध्ययन करने के बाद राजा अग्निमित्र और दासी मालविका की प्रेम कथा को कलात्मक रूप में मूर्त किया। उन्होंने बताया कि रचना की संवेदनशीलता और भावनात्मक गहराई ने उन्हें इस कृति को साकार करने के लिए प्रेरित किया। कई दिनों की मेहनत के बाद उन्होंने पंचधातु को पिघलाकर प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक यह जीवंत स्वरूप गढ़ा।

यह प्रतिमा अब कालिदास अकादमी, उज्जैन में जमा कर दी गई है, जहां इसे आगामी 67वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह (30 अक्टूबर से 7 नवंबर) के दौरान प्रदर्शित किया जाएगा। इस प्रतिष्ठित आयोजन में बैतूल का प्रतिनिधित्व करते हुए विजय साकरे की यह कलाकृति दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनेगी। 'मालविकाग्निमित्रम्' कालिदास का पांच अंकों वाला प्रसिद्ध नाटक है, जो विदिशा के राजा अग्निमित्र और दासी मालविका के प्रेम प्रसंग पर आधारित है।

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