चेन्नई , अक्टूबर 29 -- तमिलनाडु में तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के संस्थापक एवं अभिनेता से नेता बने विजय ने पार्टी की दैनिक गतिविधियों और संचालन के समन्वय के लिए 28 सदस्यीय नयी प्रशासनिक समिति नियुक्त की है।
यह समिति तमिलनाडु में छह सात महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए गठित की गई है। नवगठित कार्यकारिणी में महासचिव बुस्सी आनंद, चुनाव अभियान के प्रबंध महासचिव अधव अर्जुन, संयुक्त सचिव सीटीआर निर्मल कुमार और प्रचार सचिव के.जी. अरुणराज जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं।
टीवीके की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस समिति में तमिलनाडु के विभिन्न जिलों का प्रतिनिधित्व करने वाले जिला सचिव और पदाधिकारी शामिल हैं।
श्री विजय ने समिति को चुनावों से पहले पार्टी संगठन को मज़बूत करने का काम सौंपा है । इसके साथ ही आगामी राजनीतिक गतिविधियों और संगठनात्मक विकास की तैयारी के लिए नयी समिति के सदस्यों के साथ प्रभावी ढंग से काम करने हेतु सभी पार्टी सदस्यों एवं पदाधिकारियों से पूर्ण सहयोग का आह्वान किया है।
गौरतलब है कि श्री विजय ने गत 13 सितंबर को सप्ताहांत में जनता से मिलने, उनकी शिकायतें सुनने और जनसमर्थन जुटाकर पार्टी को मज़बूत करने के उद्देश्य से राज्यव्यापी संपर्क कार्यक्रम शुरू किया था। टीवीके की युवा शक्ति का प्रदर्शन करते हुए, 4-5 ज़िलों में दो जनसंपर्क कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरे करने के बाद 27 सितंबर को करूर में हुई भगदड़ में महिलाओं और बच्चों सहित 41 लोगों की मौत हो गई, जिससे यह दुखद घटना हो गई। शीर्ष न्यायालय ने यह देखते हुए कि इस घटना ने राष्ट्रीय चेतना को झकझोर दिया है, 14 अक्टूबर को सीबीआई जाँच का आदेश दिया।
शीर्ष न्यायालय ने सीबीआई जाँच की निगरानी और मार्गदर्शन के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की अध्यक्षता में एक तीन-सदस्यीय पर्यवेक्षी समिति का भी गठन किया, जिसमें पुलिस महानिरीक्षक के पद से नीचे के नहीं, दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी भी शामिल होंगे, जो तमिलनाडु कैडर के हो सकते हैं, लेकिन तमिलनाडु के मूल निवासी नहीं होंगे।
शीर्ष न्यायालय का यह आदेश मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा इस त्रासदी की जाँच के लिए एक विशेष जाँच दल (एसआईटी) के गठन के आदेश और तमिलनाडु सरकार द्वारा सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति सुश्री अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग की नियुक्ति के बाद आया है। एसआईटी और सुश्री अरुणा जगदीशन आयोग दोनों ने हालांकि अपनी-अपनी जाँच शुरू कर दी थी, लेकिन शीर्ष न्यायालय ने इस पर अस्थायी रोक लगा दी है।
सीबीआई ने तब से अपनी जाँच शुरू कर दी है और कुछ दिन पहले करूर और घटनास्थल का दौरा किया था। घटना के बाद करूर जिले के दो टीवीके पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था और बाद में अदालत ने उन्हें ज़मानत पर रिहा कर दिया था। श्री विजय ने तब से अपनी प्रचार गतिविधियाँ स्थगित कर दी थीं और अब चुनाव नज़दीक आते ही पुलिस से इन्हें फिर से शुरू करने की अनुमति माँगी है और अपने पहले राजनीतिक सम्मेलन में घोषणा की थी कि द्रमुक और टीवीके का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी है और फिर 'फासीवादी' भाजपा उसकी वैचारिक दुश्मन है और चुनावों में टीवीके और द्रमुक के बीच सीधा मुकाबला होगा।
विजय ने दो दिन पहले मृतक परिवार के सदस्यों को 20-20 लाख रुपये की मुआवज़ा राशि देने की घोषणा की थी और उन्हें आमंत्रित किया, एक होटल में ठहराया और व्यक्तिगत रूप से सभी को सांत्वना दी और उनके बच्चों की शिक्षा एवं उनके खर्चों का ध्यान रखने सहित पूरी मदद का वादा किया।
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