कांचीपुरम , नवंबर 23 -- तमिलगा वेत्त्री कषगम (टीवीके) के संस्थापक-अध्यक्ष और लोकप्रिय अभिनेता विजय ने रविवार को अपनी पहली बड़ी जनसभा में सत्ताधारी डीएमके पर तीखा प्रहार किया।

श्री विजय ने कांचीपुरम जिले के सुंगुवरचत्रम में आयोजित इस सभा में हजारों समर्थकों के बीच डीएमके को "वंशवादी" और "लूट में डूबी पार्टी" करार देते हुए कहा कि इसके संस्थापक सीएन अन्नादुरई के आदर्शों को बहुत पहले भुला दिया गया है।

उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी 2026 के विधानसभा चुनावों में सत्ता में आएगी और हर परिवार को पक्का घर और दोपहिया वाहन देगी।

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के उस बयान का कड़ा जवाब देते हुए जिसमें उन्होंने टीवीके को "नीति-विचारधारा विहीन" बताया था, श्री विजय ने कहा, "टीवीके के कार्यकर्ता अनपढ़ नहीं, बल्कि बदलाव के अग्रदूत हैं।" उन्होंने याद दिलाया कि 1972 में जब एमजी रामचंद्रन ने अन्नाद्रमुक बनाई थी, तब भी उनके समर्थकों को 'कूठाडी' यानी फिल्मी सितारे का अनुयायी कहा जाता था, लेकिन जनता ने उन्हें सत्ता सौंपी थी।

श्री विजय ने अपनी पार्टी का मूल सिद्धांत दोहराते हुए कहा, "पिरपोक्कुम एला उइरक्कुम-सभी प्राणी जन्म से समान हैं-यही हमारी सबसे बड़ी नीति है।" उन्होंने दावा किया कि टीवीके ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का खुलकर विरोध किया, जाति जनगणना की मांग की और वक्फ (संशोधन) विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वालों में सबसे आगे रही।

श्री विजय ने पलार नदी में हो रहे अवैध रेत खनन का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि 22.7 लाख यूनिट रेत की चोरी से राज्य को 4,730 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और पर्यावरण को भारी क्षति पहुंची है। परंदूर ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट प्रोजेक्ट का विरोध जारी रखने की भी घोषणा की।

श्री विजय ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, "हम नफरत नहीं करते, लेकिन धोखे और दिखावे की राजनीति करने वालों से सवाल पूछते रहेंगे। हमारा एकमात्र मकसद जनकल्याण है।"इस सभा को 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव की दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है, जिसमें श्री विजय ने खुद को द्रविड़ आंदोलन के मूल सिद्धांतों का सच्चा वारिस बताते हुए डीएमके और अन्नाद्रमुक दोनों से अलग तीसरा विकल्प पेश करने की शुरुआत कर दी है।

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