नयी दिल्ली , अक्टूबर 10 -- केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शुक्रवार को यहां मुलाकात करके उनसे वायनाड में मुंडक्कई-चूरलमाला आपदा के पीड़ितों के पुनर्वास के लिये राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से 2,221.03 करोड़ रुपये तत्काल जारी करने की मांग की।
दो दिवसीय दौरे पर यहां आये मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री और कई केंद्रीय मंत्रियों के साथ राज्य के वित्तीय तनाव, आपदा राहत, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और कल्याण प्राथमिकताओं पर चर्चा की और तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी बैठक में मुख्यमंत्री ने केरल की गंभीर वित्तीय स्थिति पर बात की और वायनाड में मुंडक्कई-चूरलमाला आपदा के पीड़ितों के पुनर्वास के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से 2,221.03 करोड़ रुपये तत्काल जारी करने की मांग की।
उन्होंने आग्रह किया कि इस राशि को ऋण के बजाय अनुदान माना जाये। श्री विजयन ने राज्य की उधारी सीमा में ढील देने, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) निपटान बकाया राशि को बहाल करने और कोझिकोड के किनालूर में प्रस्तावित एम्स को मंजूरी देने पर भी जोर दिया।
बैठक के बाद श्री विजयन ने कहा, "केरल की मांगें ज्यादा खास नहीं हैं और कल्याणकारी और विकास कार्यक्रमों की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम हैं।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ उनकी चर्चा सकारात्मक और उत्साहवर्धक रही।"मुख्यमंत्री ने गुरूवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की, जिन्होंने केरल को तटीय और आंतरिक सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का आश्वासन दिया। उन्होंने पूर्ण केंद्रीय वित्त पोषण के साथ एक नयी भारतीय रिजर्व बटालियन, जो एक समुद्री पुलिस बटालियन के रूप में कार्यरत होगी और केरल में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय का एक क्षेत्रीय परिसर स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की। श्री शाह ने सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) योजना के तहत कन्नूर और वायनाड के लिए निरंतर समर्थन और केरल के आपदा राहत प्रस्तावों पर सकारात्मक विचार करने का भी वादा किया।
मुख्यमंत्री ने तीन अन्य केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात की और उनसे भी आपदा राहत, वित्तीय स्थिरता, स्वास्थ्य सेवा विस्तार और बुनियादी ढांचे को लेकर केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराने में तेजी लाने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण से अपनी बैठक में मुख्यमंत्री ने उधारी प्रतिबंधों के गंभीर प्रभाव और 9,700 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व नुकसान की जानकारी दी।
श्री विजयन ने राज्य की पूरी उधारी क्षमता बहाल करने आईजीएसटी समायोजन के तहत रोके गए 965 करोड़ रुपये देने और आवश्यक पूंजीगत व्यय को बनाये रखने के लिये जीएसडीपी का अतिरिक्त 0.5 प्रतिशत (लगभग 6,650 करोड़ रुपये) उधार लेने की अनुमति देने की मांग की।आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक श्रीमती सीतारमण ने कहा कि केरल की चिंताओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जायेगा।
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ बैठक में श्री विजयन ने दिसंबर 2025 तक एनएच-66 के सभी 16 खंडों को पूरा करने और जनवरी 2026 तक उनका उद्घाटन करने को कहा जिस पर केंद्रीय मंत्री ने उन्हें अपनी हामी दी।
श्री गडकरी ने लंबित भूमि अधिग्रहण लागत के 237 करोड़ रुपये माफ करने और पलक्कड़-कोझिकोड ग्रीनफील्ड राजमार्ग, तिरुवनंतपुरम आउटर रिंग रोड (एनएच-866), कोल्लम-चेनकोट्टा ग्रीनफील्ड रोड (एनएच-744) तथा एर्नाकुलम और पुनालुर बाईपास सहित कई प्रमुख परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने पर भी अपनी सहमति दी।
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