बेमेतरा 01अक्टूबर (वार्ता) छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के कृषि उपज मंडी परिसर में इस वर्ष भी विजयदशमी पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। मां दुर्गा के पावन पर्व नवरात्रि के समापन के साथ ही दशहरे के दिन रावण दहन का आयोजन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया जाता है।
दशहरा का मुख्य उद्देश्य धर्म ,जो अच्छाई और नैतिकता है, की अधर्म , जो अनैतिकता और बुराई है, पर विजय का उत्सव मनाना है। दशहरा एक विविध और विविध उत्सव है।
रावण दहन देखने के लिए न केवल जिला मुख्यालय बल्कि आसपास के गांवों से भी हजारों की संख्या में ग्रामीण व नगरवासी पहुचते है। बच्चों, युवाओं और महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिलता है।
दशहरा अथवा विजयदशमी भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाए अथवा दुर्गा पूजा के रूप में, दोनों ही रूपों में यह शक्ति-पूजा का पर्व है, शस्त्र पूजन की तिथि है। हर्ष और उल्लास तथा विजय का पर्व है। भारतीय संस्कृति वीरता की पूजक है, शौर्य की उपासक है। आतिशबाज़ी और पटाखों के बीच रावण का पुतला जलते ही पूरा मैदान "जय श्रीराम" और "जय मां दुर्गा" के नारों से गूंज उठता है।
आयोजन समिति ने बताया कि विजयदशमी केवल एक धार्मिक पर्व ही नहीं बल्कि सामाजिक एकता और सद्भाव का प्रतीक है। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि, समाजसेवी एवं अधिकारियों की भी उपस्थिति रहती है।
पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से पूरे क्षेत्र में विशेष व्यवस्था की तैयारी में जुट जाते है। यातायात व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के लिए नगर के मुख्य मार्गों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाती है।
ग्रामीणों ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी रावण दहन देखने का अलग ही आनंद रहा। विजयदशमी का यह पर्व लोगों को सिखाता है कि चाहे बुराई कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अंततः अच्छाई की ही जीत होती है।
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