भोपाल , दिसम्बर 20 -- केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने राज्यों से नगर विकास की योजनाओं को विकसित भारत के लक्ष्यों को ध्यान में रख कर तैयार करने और बजट का अच्छे से अच्छे तरीके से इस्तेमाल किये जाने का आह्वान किया।

उन्होंने शहरों में गरीबों के लिए आवसा योजनाओं में मकानों के आवंटन की गति को लेकर चिंता भी जतायी।

श्री मनोहर लाल शनिवार को यहां शहरी विकास मंत्रियों की क्षेत्रीय बैठक (उत्तरी एवं मध्य राज्य) को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आजादी के सौ साल पूरे होने के वर्ष 2047 तक देश को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल्पना का उल्लेख करते हुए कहा कि नगर विकास की योजनाएं इन लक्ष्यों को देख कर तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, "वर्ष 2047 तक भारत की शहरी आबादी अनुमान के मुताबिक कुल आबादी की 50 प्रतिशत तक हो जाएगी। जब हम इसे ध्यान में रखते हुए शहरी योजनाओं का क्रियान्वयन करेंगे, तभी विकसित और आत्मनिर्भर भारत बना सकेंगे।"केंद्रीय मंत्री ने इन योजनाओं को पूरा करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच पूरे समन्वय के साथ काम किये जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया और कहा कि शहरों के विकास के लिये केन्द्र सरकार से मिलने वाली बजट राशि का पूरा उपयोग समय पर किया जाना चाहिए। बैठक में बैठक में छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरूण साव, उत्तर प्रदेश के मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा, राजस्थान के मंत्री झाबर सिंह खर्रा, उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री राकेश राठौर गुरूजी, राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी तथा केन्द्र और संबंधित राज्य सरकारों के अधिकारीगण मौजूद थे। तथा केंद्र और संबंधित राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया । मध्य प्रदेश के दल का नेतृत्व राज्य के मंत्री कैलाश विजयवर्गिया ने किया।

उन्होंने इस अवसर पर ' स्वच्छ सर्वेक्षण 2025-26' के लिये तैयार की गई कार्य दिशा पुस्तिका का विमोचन किया।

उन्होंने कहा कि शहरी कार्य मंत्रालय ने योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिये देश में क्षेत्रवार राज्यों की बैठक करने का निर्णय लिया है क्यों कि हर राज्य की भौगोलिक स्थिति में अंतर होता है और उनकी अपनी अपनी खास चुनौतियां है। मंत्री ने कहा कि राज्यों के विकास के लिये केन्द्र सरकार सहायक प्रणाली के रूप में काम करती है, ठोस प्रयास तो राज्य सरकारों को ही करना होगा।

क्षेत्रीय बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना, अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन और शहरी परिवहन व्यवस्था पर मुख्य रूप से चर्चा की गयी। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में तैयार मकानों के आवंटन न होने पर चिंता प्रकट की। राज्य सरकारों को यह प्रयास करना होगा कि जनता की वित्तीय हिस्सेदारी में प्रभावी रूप से किया जाये। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सबको आवास केन्द्र सरकार की एक प्रधान योजना है। इस योजना को पूरा करने के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ प्राइवेट सेक्टर के उद्यमियों को प्रोत्साहित करना होगा।

बैठक में मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि प्रदेश में नगरीय निकायों को आर्थिक और तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। नर्मदा नदी के किनारे बसे शहरों में सीवरेज कार्य को प्राथमिकता दी गई है और राज्य सरकार ने नर्मदा नदी में गंदा पानी विसर्जित किये जाने को पूरी तरह बंद करने का संकल्प लिया है।

श्री विजयवर्गीय ने अमृत योजना में अधूरे कामों को पूरा करने के लिये केन्द्र से मदद दिये जाने का आग्रह किया। कार्यक्रम को केन्द्रीय सचिव आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय नई दिल्ली श्री श्रीनिवास कटिकिथला ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक के आयोजन के बारे में जानकारी दी।

कार्यक्रम के दौरान नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा नागरिकों को दी जाने वाली ऑनलाइन सेवाओं पर केन्द्रित वीडियो फिल्म का प्रदर्शन किया गया। फिल्म में पानी के सदुपयोग, अर्बन लॉकर, व्हीकल फ्यूल निगरानी सिस्टम और अन्य सेवाओं के डिजिटलीकरण की जानकारी दी गई। बैठक के प्रारंभ में अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास संजय दुबे और आयुक्त नगरीय विकास संकेत भोंडवे ने उल्लेखनीय उपलब्धियों की जानकारी दी।

उद्घाटन सत्र के बाद विभिन्न राज्यों और केन्द्र सरकार के अधिकारियों के बीच योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर बिन्दुवार चर्चा हुई। बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में 9 लाख 46 हजार आवासों में 8 लाख 79 हजार आवास निर्माण किये जा चुके है। पूर्ण आवासों के आधार पर मध्यप्रदेश प्रथम सर्वेश्रेष्ठ राज्यों में शामिल है। प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 में 60 हजार आवासों को स्वीकृति दी जा चुकी है।

केन्द्र सरकार के अधिकारियों ने कहा कि जिन हितग्राहियों के प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान बनाए जा चुके हैं, उनकी सुरक्षा की गारंटी राज्य सरकार को देना चाहिए।

सत्र में प्रधानमंत्री ई-बस सेवा की प्रगति पर भी चर्चा की गई। सत्र में बताया गया कि प्रदेश में बस डिपो और चार्जिंग स्टेशन बनाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। केन्द्र के अधिकारियों का कहना था कि प्रदेश में बनाई जा रही मेट्रोपॉलिटन सिटी में मेट्रो नेटवर्क के लिये राज्य सरकार को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट ( डीपीआर ) बनाने का कार्य प्राथमिकता से करना चाहिए।

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