चंडीगढ़ , अक्टूबर 07 -- चंडीगढ़ के प्रशासक एवं पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने भगवान वाल्मीकि जयंती के अवसर पर मंगलवार को डड्डू माजरा में आयोजित एक कार्यक्रम कहा कि उन्हें इतिहास के सबसे विद्वान व्यक्तियों में माना जाता है।

इस अवसर पर श्री कटारिया ने कहा कि भगवान वाल्मीकि संस्कृत में लिखी गयी प्रथम रामायण के रचयिता थे। उन्होंने बताया कि जब माता सीता को वनवास के बाद राज्य से अलग होना पड़ा, तब उन्होंने भगवान वाल्मीकि जी के आश्रम में शरण ली। माता सीता ने अपने दोनों पुत्रों लव और कुश को जन्म दिया।

राज्यपाल ने कहा कि लव और कुश ने वाल्मीकि जी के आश्रम में ही शिक्षा प्राप्त की।

उन्होंने बाबा साहब डॉ भीमराव आम्बेडकर का इस अवसर पर जिक्र करते हुए कहा कि बाबा साहब द्वारा निर्मित संविधान के सिद्धांतों पर चलना ही सच्चे अर्थों में उनके प्रति श्रद्धांजलि है।

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