वाराणसी , नवंबर 27 -- वाराणसी में गुरुवार को विभिन्न राजनीतिक दलों-कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, सीपीएम, सीपीआई और राजद के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त बैठक कांग्रेस कार्यालय, लहुराबीर में हुई।

बैठक में सभी दलों के प्रतिनिधियों ने एक स्वर से कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) जिस तेजी और आधी-अधूरी तैयारी के साथ कराया जा रहा है, उससे बड़ी संख्या में पात्र मतदाताओं के नाम सूची में दर्ज होने से छूट जाएंगे।

कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने बताया कि वर्तमान में गांवों में धान की कटाई और गेहूं की बुवाई का व्यस्ततम मौसम चल रहा है। इसके बीएलओ को पर्याप्त प्रशिक्षण नहीं मिला है और आम जनता में इसकी जागरूकता भी बेहद कम है। इन सभी कारणों से 4 दिसंबर तक यह कार्य गुणवत्तापूर्वक पूरा करना संभव नहीं है।

इसलिए सभी दलों ने एकमत होकर मांग की है कि 4 दिसंबर की अंतिम तिथि को कम से कम छह माह तक बढ़ाया जाए। चूंकि अगला विधानसभा चुनाव 2027 में होना है, इसलिए इस कार्य में किसी तरह की जल्दबाजी का कोई औचित्य नहीं है।

साथ ही यह भी मांग की गई कि वर्ष 2023 एवं 2025 की मतदाता सूचियां प्रत्येक बीएलओ को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाएं और बीएलओ घर-घर जाकर प्रत्येक मतदाता को संतुष्ट करते हुए फॉर्म भरवाएं।

कई क्षेत्रों से शिकायतें मिल रही हैं कि बीएलओ के पास 2023 की मतदाता सूची ही उपलब्ध नहीं है। कई जगहों पर दो की जगह केवल एक ही गणना पत्र दिया जा रहा है। ऐसे अनेक मतदाता जिन्होंने 2024 में वोट डाला था, उन्हें गणना फॉर्म तक नहीं मिला है। इन सभी कमियों के लिए तत्काल विकल्प उपलब्ध कराया जाए।

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