सोनीपत , अक्टूबर 17 -- हरियाणा के सोनीपत में वायु प्रदूषण नियंत्रण व जनस्वास्थ्य सुरक्षा को देखते हुए जिलाधीश सुशील सारवान ने दिवाली त्यौहार पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत आदेश जारी करते हुए जिला में ग्रीन पटाखों (हरित पटाखे) को छोडक़र सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, भंडारण, ऑनलाइन बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है।

उपायुक्त ने जिलावासियों को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह निर्णय जनस्वास्थ्य, पर्यावरण सुरक्षा और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप लिया गया है। वे वायु प्रदूषण को कम करने में प्रशासन का सहयोग करें और ग्रीन दिवाली - स्वच्छ दिवाली मनाकर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दें क्योंकि बढ़ता वायु प्रदूषण बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन या हृदय रोग से पीडि़त व्यक्तियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न करता है।

जिलाधीश ने अपने आदेशों में बताया कि केवल राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) द्वारा प्रमाणित और द्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के पेट्रोलियम तथा विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) से लाइसेंस प्राप्त ग्रीन पटाखों को सीमित अवधि व समय में प्रयोग किए जाने की अनुमति होगी।

उन्होंने बताया कि दिवाली के पहले दिन व दिवाली के दिन सुबह छह बजे से सात बजे तक और शाम आठ बजे से रात 10 बजे तक तक ग्रीन पटाखें प्रयोग करने की समयावधि निर्धारित की गई है। इसके अलावा ग्रीन पटाखों की बिक्री केवल 18 अक्टूबर से 20 अक्टूबर 2025 तक ही अधिकृत स्थलों पर की जा सकेगी।

जिलाधीश ने कहा कि ऑनलाइन माध्यम (फ्लीपकार्ट, अमेजोन आदि) के जरिए किसी भी प्रकार के पटाखों की बिक्री, ऑर्डर या वितरण पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। इसके साथ ही एनसीआर क्षेत्र के बाहर से पटाखे लाने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने अपने आदेशों में कहा कि पुलिस, नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, अग्निशमन विभाग, नगरपालिकाएं और सभी उपमंडल अधिकारी इन आदेशों की पालना करवाना सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे छापेमारी कर अवैध बिक्री या भंडारण पर तत्काल कार्रवाई करें और प्रतिदिन की रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय को भेजें।

जिलाधीश ने कहा कि आदेशों का उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति/व्यापारी के विरुद्ध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986, तथा विस्फोटक अधिनियम, 1884 के तहत कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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