फगवाड़ा , अक्टूबर 11 -- पंजाब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अनुसूचित जाति (एससी) मोर्चा के अध्यक्ष एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी एस आर लद्धड़ ने शनिवार को हरियाणा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या की तत्काल केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से या न्यायिक जांच की मांग की और इस घटना को 'प्रशासनिक उत्पीड़न और जाति-आधारित पूर्वाग्रह का नतीजा' बताया। श्री लद्धड़ ने कहा कि दिवंगत अधिकारी के सुसाइड नोट में जिन अधिकारियों के नाम हैं, उनमें कई वरिष्ठ अधिकारी और वर्तमान पुलिस महानिदेशक भी शामिल हैं, उन्हें तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए या छुट्टी पर भेजा जाना चाहिए ताकि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो सके।

उन्होंने पंजाब के राज्यपाल, जो चंडीगढ़ के प्रशासक भी हैं, और हरियाणा के मुख्यमंत्री, दोनों से बिना देर किये कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि चूंकि घटना चंडीगढ़ में हुई थी, इसलिए राज्यपाल के पास सीबीआई जांच का आदेश देने का संवैधानिक अधिकार है, जबकि हरियाणा सरकार भी जांच में पारदर्शिता और विश्वसनीयता लाने के लिए उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश के अधीन न्यायिक जांच का विकल्प चुन सकती है।

श्री लद्धड़ ने कहा कि श्री पूरन कुमार के सुसाइड नोट, जिसे कानूनी रूप से महत्वपूर्ण 'मृत्यु पूर्व बयान' माना जाता है, में कथित तौर पर 11 वरिष्ठ अधिकारियों के नाम हैं और कथित मानसिक उत्पीड़न और अपमान का विस्तार से वर्णन किया गया है, जिसके कारण उन्हें यह चरम कदम उठाना पड़ा।

इस मामले को 'पूरी प्रशासनिक मशीनरी के लिए एक चेतावनी' बताते हुये, श्री लद्धड़ ने कहा कि अनुसूचित जाति के अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) पूरन कुमार, जो अपनी ईमानदारी, साहस और भ्रष्टाचार के प्रति शून्य-सहिष्णुता के लिए जाने जाते थे, व्यवस्था के भीतर की गड़बड़ियों को उजागर करने के कारण निशाना बन गये।

उन्होंने कहा, " उनकी दुखद मौत इस बात को उजागर करती है कि कैसे एक ईमानदार अधिकारी को सच्चाई और पेशेवर नैतिकता को बनाये रखने के लिए किनारे कर दिया गया।"उन्होंने चेतावनी दी कि ज़िम्मेदार लोगों को बचाने की कोई भी कोशिश व्यवस्था में जनता के भरोसे को बुरी तरह से नुकसान पहुंचायेगी। उन्होंने राज्य और केंद्र दोनों अधिकारियों से तत्काल और पारदर्शी कार्रवाई की मांग की।

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