पटना , अक्टूबर 08 -- बिहार में प्रथम चरण में 06 नवंबर को 18 जिलों में होने वाले विधानसभा चुनाव में बक्सर एक मात्र जिला है, जहां वर्ष 2020 में सभी चार सीटों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को पराजय का सामना करना पड़ा था।

इस बार के विधानसभा चुनाव में 06 नवंबर को 18 जिलों बक्सर,गोपालगंज, सीवान,सारण,वैशाली, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा, खगड़िया, मुंगेर, बेगूसराय, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, पटना और भोजपुर में 121 सीटों पर मतदान होना हैं। इन 18 जिलों में बक्सर एक मात्र जिला रहा था जहां वर्ष 2020 के चुनाव में सभी चार सीटों डुमरांव, ब्रहमपुर, राजपुर (सुरक्षित) और बक्सर विधानसभा सीट पर राजग का सूपड़ा साफ हो गया था।सभी चार सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी।

बिहार की 'हाइप्रोफाइल' सीटों में शुमार डुमरांव से राजग के घटक दल जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने तत्कालीन विधायक ददन सिंह यादव का टिकट काटकर पार्टी की प्रवक्ता अंजुम आरा को पहली बार उम्मीदवार बनाया था। इससे नाराज होकर श्री यादव मैदान में निर्दलीय उतर आए। महागठबंधन के घटक भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) की ओर से पहली बार चुनाव लड़ रहे अजीत कुमार सिंह ने जदयू प्रत्याशी अंजुम आरा को 24415 मतो के अंतर से करारी मात दी। वहीं, निर्दलीय प्रत्याशी ददन यादव को पांचवे नंबर पर संतोष करना पड़ा।

ब्रहमपुर सीट से महागठबंधन के घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तत्कालीन विधायक शंभू नाथ यादव ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) उम्मीदवार पूर्व विधान पार्षद बाहुबली हुलास पांडेय को 51141 मतों के भारी अंतर से पराजित कर दिया। राजग की ओर से विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के जय राज चौधरी चुनावी समर में उतरे थे लेकिन उन्हें तीसरे नंबर पर ही संतोष करना पड़ा।

राजपुर (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से लगातार दो बार जीत चुके जदयू उम्मीदवार एवं तत्कालीन परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला हैट्रिक लगाने के लिए चुनावी पिच पर उतरे थे, लेकिन उन्हें महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस के विश्वनाथ राम ने 21204 मतों के अंतर से परास्त कर दिया था।

वहीं ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बक्सर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के तत्कालीन विधायक संजय कुमार तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवोदित प्रत्याशी बिहार पुलिस के पूर्व हवलदार परशुराम चतुर्वेदी को 3892 मतों के अंतर से परास्त कर दिया था।

2020 के चुनाव में बक्सर जिले में राजग के खिलाफ माहौल का असर देखने को मिला था। जिले की चारों विधानसभा क्षेत्रों पर महागठबंधन के घटक दलों ने कब्जा जमा लिया।राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इस बार मुकाबला बेहद करीबी हो सकता है। महागठबंधन के लिये जहां अपनी पकड़ बनाए रखना चुनौती होगी, वहीं राजग सवर्ण वोटों की गोलबंदी के साथ वापसी की उम्मीद कर रही है। कुल मिलाकर, बक्सर जिले की विधानसभा सीटों पर जीत का रास्ता जातीय संतुलन, उम्मीदवार की छवि और गठबंधन की रणनीति पर टिका होगा। कहा जाता है कि चुनाव के दौरान बक्सर जिले में जिसने सामाजिक समीकरण साध लिया उसकी जीत निश्चय है।देखना दिलचस्प होगा कि इस बार बक्सर जिले की विधानसभा सीटों पर किसका 'सिक्का' चलेगा। यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद 14 नवंबर को ही स्पष्ट हो पायेगा।

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