नयी दिल्ली , दिसम्बर 01 -- लोकसभा ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्षी दलों के भारी हंगामे के बीच 'मणिपुर वस्तु एवं सेवाकर (दूसरा संशोधन) विधेयक 2025' को संक्षिप्त चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया।

वित्त मंत्री ने विधेयक को पारित करने के लिए पेश करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य 'मणिपुर माल और सेवा कर अधिनियम, 2017' में संशोधन करना है। इसमें जीएसटी विनियमन को केंद्र के नये जीएसटी स्लैब के अनुरूप बनाने की व्यवस्था की गई है। यह विधेयक लेन देन की प्रक्रिया को आसान बनाएगा तथा करदाताओं पर इससे अनावश्यक कर नहीं लगेगा और मणिपुर के लोगों को फायदा होगा। विधेयक को बहुत स्पष्टता के साथ लाया गया है और इसमें करदाताओं की अनावश्यक दिक्कतों को दूर कर इसे बहुत सरल बनाया गया है। विधेयक को लेकर मणिपुर के लोगों में जबरदस्त उत्साह है। इसमें पुराने और छोटे मोटे विवादों को पंजीकृत नहीं करने की सलाद देते हुए कहा गया है कि ऐसे विवादों का निस्तारण आसानी से किया जा सके।

वित्त मंत्री कहा कि विधेयक का मकसद जीएसटी परिषद के आगे के निर्णयों को लागू करना है, जिसमें मौजूदा जीएसटी दरों को पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो मुख्य स्लैब में समेकित करने में आसानी हो। सरकार ने पहले इस साल अगस्त में 'मणिपुर वस्तु और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025' पारित किया था, जो पहले के अध्यादेश को प्रतिस्थापित करेगा।

जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में केंद्र और राज्यों ने ने 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत स्लैब को 5 और 18 प्रतिशत के 2 स्लैब में विलय करके लगभग 375 वस्तुओं पर जीएसटी दरों को तर्क संगत बनाने का काम किया था।

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