नयी दिल्ली , नवंबर 20 -- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संयुक्त राष्ट्र में तत्काल सुधार का आह्वान करते हुए कहा कि लगभग 80 साल पुराना यह संगठन समकालीन वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सक्षम नहीं है।
नयी दिल्ली में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 26वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री बिरला ने बुधवार को कहा कि वैश्विक दक्षिण के लिए उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए लोकतांत्रिक, निष्पक्ष एवं समावेशी सुधारों की आवश्यकता है।
श्री बिरला ने वैश्विक शांति एवं सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला तथा "वसुधैव कुटुम्बकम" की प्राचीन परंपरा और "लोकतंत्र की जननी" के रूप में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में भारत के महत्वपूर्ण योगदान, जिसमें 300,000 से अधिक सैनिक शामिल हैं, तथा कोविड-19 महामारी के दौरान भारत के मानवीय प्रयासों का उल्लेख किया।
श्री बिरला ने देश की मानवीय सहायता की भावना को प्रदर्शित करते हुए कहा, "भारत ने कोविड संकट के दौरान 150 देशों को दवाइयां उपलब्ध कराकर 'वैश्विक फार्मेसी' की तरह काम किया।"लोकसभा अध्यक्ष ने पर्यावरणीय न्याय, सतत विकास एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के नैतिक उपयोग सहित आधुनिक कानूनी चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक न्यायालयों के सहयोग के महत्व पर भी बल दिया।
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