नयी दिल्ली , अक्टूबर 22 -- भारत सरकार के लोकपाल कार्यालय की तरफ से सात (बीएमडब्ल्यू) लक्जरी कारों की खरीद के लिए निविदा जारी करने पर कांग्रेस ने सवाल उठाये हैं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी प्राधिकरण अब एक 'शॉकपाल' बन गया है। श्री रमेश ने लोकपाल की कार्यवाही पर सवाल उठाये और लोकपाल द्वारा की गयी जांच और गिरफ्तारियों के बारे में भी सवाल पूछें।
उन्होंने कहा, " लोकपाल अब लोकपाल नहीं रहा। यह 'शोकपाल' और 'शॉकपाल' हो गया है। अन्ना हजारे, अरविंद केजरीवाल, 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' और आरएसएस ने 2012 और 2013 में लोकपाल के महत्व पर जोर देते हुए खूब प्रचार किया था। अब जरा लोकपाल के कार्यों पर ही नजर डालिए। लोकपाल ने कौन सी जांच शुरू की है? उन्होंने किन लोगों को गिरफ्तार किया है?"श्री रमेश से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम भी इन कारों के लिए निविदा जारी करने पर विरोध जता चुके हैं।
श्री चिदंबरम ने कहा कि यहां तक कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को भी साधारण सेडान कारें उपलब्ध करायी जाती हैं। साथ ही उन्होंने उम्मीद जतायी कि लोकपाल कार्यालय के कुछ सदस्य इन लक्जरी कारों का उपयोग करने से बचेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, " जब सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को साधारण सेडान कारें मिलती हैं, तो लोकपाल के चेयरमैन और छह सदस्यों को बीएमडब्ल्यू कारों की आवश्यकता क्यों है? इन कारों को खरीदने के लिए जनता का पैसा क्यों खर्च किया जाए? "उन्होंने कहा, " मुझे उम्मीद है कि लोकपाल के कम से कम एक या दो सदस्यों ने इन कारों को लेने से इनकार कर दिया होगा, या करेंगे। "गौरतलब है कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लोकपाल कार्यालय सात (बीएमडब्ल्यू) लग्जरी कारें खरीदने की योजना बना रहा है, जिनकी कुल लागत पांच करोड़ रुपये से अधिक है।
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