जौनपुर , अक्टूबर 27 -- उत्तर प्रदेश के जौनपुर में पुत्र प्राप्ति, समृद्धि एवं मंगलकामना के पर्व छठ पर सोमवार की शाम आदि गंगा गोमती के प्रतिमा विसर्जन घाट, हनुमान घाट, बजरंग घाट, गोपी घाट सहित विभिन्न घाटों पर डूबते सूर्य देव को अर्घ्य दिया गया।
ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब व जलाशयों में भी सूर्य देव को अर्घ्य दिया गया। दोपहर से ही छठ व्रतियों एवं दर्शनार्थियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। बड़ी संख्या में छठव्रती अपने पूरे परिवार एवं गाजे-बाजे के साथघाटों पर पहुंच कर शाम को पूरे विधि-विधान से सूर्य देव की आराधना की गई। जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र और पुलिस अधीक्षक डॉ कौस्तुभ ने नाव पर बैठकर पूरे मेले की व्यवस्था को देखा।
छठव्रतियों ने डूबते सूर्य एवं छठमाता की आराधना की। इस दौरान आतिशबाजियां और गाजे-बाजे से माहौल रंगीन रहा, घाटों पर भीड़ कुछ ज्यादा ही दिखी। प्रसाद की वस्तुओं से भरे बांस से बने सूप और टोकरियों को घाट पर ले जाया जाता है जहां सूर्य देव और छठी मैय्या को संध्या अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन भक्त न कुछ खाते हैं और न ही जल पीते हैं। निर्जला व्रत छठ के चौथे या अंतिम दिन के सूर्याेदय तक जारी रहता है जब सूर्य भगवान और छठी मैय्या को उषा अर्घ्य दिया जाता है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित