नयी दिल्ली , अक्टूबर 06 -- दिल्ली के पटियाला हाउस स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत में एजेंसी ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले एक और आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। आरोपी पर गिरोह के सदस्यों को देश से भागने और आतंकवादी गतिविधियों को जारी रखने के लिए पासपोर्ट एवं अन्य पहचान पत्र तैयार कराने में मदद करने का आरोप है।

एनआईए ने बताया कि यह मामला भारत में आतंक फैलाने के लिए कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गिरोह और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के बीच रची गई आतंकी साजिश से जुड़ा है। एजेंसी ने अपने पांचवें आरोपपत्र में आरोपी राहुल सरकार को गिरोह के सदस्यों को फर्जी दस्तावेज मुहैया कराने और आतंकी गतिविधियों में सहयोग देने का जिम्मेदार ठहराया है।

एनआईए द्वारा जारी बयान के अनुसार, इस मामले में अब तक कुल 22 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है, जिनमें से 18 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि चार फरार बताए जा रहे हैं।

जांच में सामने आया कि राहुल सरकार गिरोह के सदस्यों के लिए आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और बैंक पासबुक जैसे जाली दस्तावेज तैयार करने में शामिल था। इन दस्तावेजों की मदद से आरोपी सचिन बिश्नोई सहित कई सदस्यों ने देश से फरार होने और अपनी आतंकी गतिविधियों को जारी रखने की योजना बनाई थी।

यह मामला मूल रूप से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा चार अगस्त 2022 को दर्ज किया गया था। इसके बाद एनआईए ने 26 अगस्त 2022 को इस मामले की जांच अपने हाथों में ली थी।

जांच एजेंसी अब यह पता लगाने में जुटी है कि गिरोह के लिए फर्जी पहचान दस्तावेज तैयार करने में शामिल अन्य लोगों की भूमिका क्या थी और क्या इस नेटवर्क का संबंध देश के बाहर तक फैला हुआ है।

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