लेह , अक्टूबर 09 -- केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह कस्बे में हुई हिंसा के दो सप्ताह बाद लद्दाख प्रशासन ने गुरुवार को लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ बैठक की जिससे दोनों पक्षों के बीच सुधरने के संकेत मिले।

इस हिंसा के दौरान कथित तौर पर सुरक्षा बलों की ओर चलायी गयी गोली के कारण चार लोगों की मौत हो गयी थी तथा करीब 100 लोग घायल हुए थे। एलएबी, कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ उन दो प्रमुख समूहों में से एक है, जो केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में छठी अनुसूची के अंतर्गत राज्य का दर्जा एवं संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग करते हुए अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।

लेह में आज बैठक की अध्यक्षता लद्दाख के मुख्य सचिव पवन कोटवाल ने की। बैठक के बाद एलएबी के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजय लकरुक ने कहा कि उन्होंने प्रशासन से लोगों को हिरासत नहीं लेने और उत्पीड़न को तुरंत रोकने और इंटरनेट सेवाएं बहाल करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर स्थिति सुधारने के लिए ऐसे कदम बहुत आवश्यक हैं।

उन्होंने कहा, "हमने यह भी कहा लेह में स्थिति अभी भी सामान्य नहीं है और गोलीबारी की घटना की न्यायिक जांच की अपनी मांग दोहरायी।"एलएबी ने 24 सितंबर को गोलीबारी की घटना में मारे गए चार लोगों के परिवारों के लिए एक-एक करोड़ रुपये के मुआवजे की भी मांग की है।

एलएबी सदस्यों ने प्रशासन से कहा कि अगर सरकार सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रति गंभीर है तो उसे भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 को वापस लेना चाहिए।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित