श्रीनगर, सितम्बर 25 -- लेह में बुधवार को अलग राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हुई हिंसा के कारण भारतीय सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत सुरक्षात्मक प्रतिबंध लगा दिया गया है। उल्लेखनीय है कि बुधवार को इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हो गए थे।

लेह में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एवं स्थिति को और भड़कने से रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि कल शाम से हिंसा की कोई घटना दर्ज नहीं की गई है। प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में आग लगा थी और कई गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था, लेकिन गुरुवार को क्षेत्र में फिर से शांति कायम हो गई है।

केंद्र सरकार का आरोप है कि इस हिंसा के लिए पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक जिम्मेदार हैं। श्री वांगचुक राज्य की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हुए थे, लेकिन कल की हिंसा के बाद उन्होंने अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली है।

श्री वांगचुक ने कल की घटना की आलोचना करते हुए कहा कि उनके दो सहयोगियों की हालत खराब होने और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाने के बाद से अचानक स्थिति बदल गई। उन्होंने कहा, "सहयोगियों की बिगड़ती हालत ने लोगों के गुस्से को और भड़का दिया। लेह में आज बंद था। हजारों की संख्या में युवा सड़कों पर उतर आए। कुछ लोग सोच रहे हैं कि वे हमारे समर्थक हैं, हालांकि पूरा लेह हमारा समर्थक है, लेकिन युवाओं ने उनकी नाराजगी को स्वर दिया।"केंद्र सरकार का कहना है कि श्री वांगचुक के भड़काऊ भाषण से प्रभावित होकर लोग भूख हड़ताल की जगह से निकले और राजनीतिक पार्टी के दफ्तर और सरकारी कार्यालयों पर हमला कर दिया।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित