श्रीनगर , अक्टूबर 15 -- लद्दाख प्रशासन ने 24 सितंबर को लेह में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद हिरासत में लिये गये कांग्रेस पार्षद स्टैनज़िन त्सेपाग सहित सात लोगों को रिहा कर दिया है।

लेह बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद शफी लस्सू ने बुधवार को बताया कि झड़प के सिलसिले में गिरफ्तार किए गये सभी सात लोगों को मंगलवार को जमानत दे दी गयी। रिहा किये गये लोगों में कांग्रेस पार्षद त्सेपाग, लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) की महिला अध्यक्ष, अंजुमन-ए-मोइन-उल-इस्लाम के युवा अध्यक्ष और लद्दाख बौद्ध संघ (एलबीए) के सदस्य शामिल हैं।

गौरतलब है कि हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर एक नकाबपोश व्यक्ति की लाठी लिए हुए तस्वीर वायरल होने के बाद श्री त्सेपाग को गिरफ्तार किया गया था, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया था। भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा) ने आरोप लगाया था कि तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति श्री त्सेपाग है, जिसका कांग्रेस नेता ने खंडन किया था।

कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के नेता सज्जाद कारगिली ने कहा, "पार्षद फुंटसोग स्टैनज़िन त्सेपाग, जिन्हें हाल ही में लेह हिंसा मामले में 'गलत तरीके से फंसाया गया' था, को जमानत दे दी गई है। यह कुछ मीडिया संस्थानों और राजनीतिक नेताओं द्वारा फैलाए गए आधारहीन प्रचार और फर्जी आख्यानों को उजागर करता है। अब यह स्पष्ट है कि ये गिरफ्तारियां लद्दाख के शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक आंदोलन को बदनाम करने की एक बड़ी कोशिश का हिस्सा थीं।" उन्होंने कहा, "हम सोनम वांगचुक और राज्य का दर्जा फिर से बहाल करने और छठी अनुसूची सुरक्षा उपायों के लिए लड़ने वाले कार्यकर्ताओं सहित हिरासत में लिए गये सभी नेताओं की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं।"श्री लस्सू ने कहा कि अब तक लद्दाख पुलिस द्वारा घटना के बाद गिरफ्तार किए गए 70 से अधिक लोगों में से लगभग 50 लोगों को जमानत मिल गई है।

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