चंडीगढ़ , नवंबर 06 -- पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने गुरुवार को लुधियाना बस अड्डेके विभिन्न हिस्सों को ठेके पर देने से संबंधित पक्षपात या अनियमितताओं के दावों और समाचारों को पूरी तरह निराधार और तथ्यहीन बताया है।
परिवहन मंत्री ने स्पष्ट किया कि लुधियाना बस अड्डा 10 दिसंबर 2021 से पहले एक समग्र ठेके (ओवर ऑल) पर था, जबकि अब इसके विभिन्न हिस्सों को अलग-अलग ठेकों पर दिया गया है। यह नीति पूर्ववर्ती सरकारों के समय से ही लागू है और पंजाब के अन्य बस अड्डों को भी इसी प्रणाली के तहत ठेके पर दिया जाता रहा है।
श्री भुल्लर ने बताया कि लुधियाना बस अड्डे का निर्माण कार्य वर्ष 2006 में वेल सम्पन्न कंपनी द्वारा बी.ओ.टी. (बिल्ड, ऑपरेट ऐंड ट्रांसफर ) आधार पर किया गया था। इस कंपनी ने 2016 तक बस अड्डे का संचालन बी.ओ.टी. आधार पर किया। इसके बाद, वर्ष 2018 में बस अड्डा मेसर्स एल.आर.वाई. कंपनी को एम.ओ.टी. (मेंटिनेंस, ऑपरेट ऐंड ट्रांसफर) आधार पर ठेके पर दिया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण एल.आर.वाई. कंपनी विभाग को देय कंसेशन फीस जमा नहीं करवा सकी, जिसके कारण विभाग ने कंपनी का अनुबंध निलंबित कर दिया और 10 दिसंबर 2021 से बस अड्डे का रख-रखाव पनबस द्वारा अपने स्तर पर किया जाने लगा। विभाग द्वारा ही अड्डा शुल्क की वसूली भी की जाती रही। इस कार्य के लिए डिपो की ओर से 15 कर्मचारियों (कंडक्टर व सब-इंस्पेक्टर) को विभिन्न बिंदुओं पर शुल्क वसूली के लिए तैनात किया गया था। इन कर्मचारियों की वेतन और स्टेशनरी आदि का खर्च भी विभाग द्वारा ही वहन किया गया।
श्री भुल्लर ने बताया कि अड्डा शुल्क को ठेके पर देने के लिए मुख्यालय के आदेशानुसार डिपो की ओर से आठ बार ऑनलाइन ई-नीलामी करवायी गयी। इसी क्रम में एक अगस्त 2025 को हुई ई-नीलामी में कुल चार बोलीदाता शामिल हुए। इनमें से अर्जन यादव एंड कंपनी ने 1,02,98,340 रुपए की राशि अग्रिम दो किश्तों में डिपो के खाते में जमा करवा दी है। यह अनुबंध छह माह की अवधि या समग्र बस अड्डे के ठेके के पुनः लागू होने तक के लिए किया गया है।
श्री भुल्लर ने कहा कि अड्डा शुल्क वसूली को आउटसोर्स करने का निर्णय प्रक्रिया को सुचारु बनाने, प्रशासनिक बोझ घटाने और सरकारी खजाने के लिए राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है।
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