लेह , अक्टूबर 04 -- लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने शनिवार को दोहराया कि केंद्र शासित प्रदेश में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उपराज्यपाल ने लद्दाख में मौजूदा स्थिति का आकलन करने के लिए आज यहां उच्च-स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि बैठक में प्रतिबंधों में चरणबद्ध ढील के रोडमैप पर भी चर्चा हुई। केंद्रशासित प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख, और सेना एवं केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए।
बैठक के दौरान, केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन, लद्दाख पुलिस, सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने उपराज्यपाल को वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य से अवगत कराया।
उपराज्यपाल ने कहा, "प्रशासन लद्दाख में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। किसी भी उभरती चुनौती से निपटने के लिए सतर्कता और तैयारी महत्वपूर्ण है।"उन्होंने जोर दिया कि प्रतिबंधों में कोई भी ढील सावधानीपूर्वक दी जाएगी, जिसमें सार्वजनिक सुरक्षा और नियमित सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों की बहाली के बीच संतुलन बनाया जाएगा। उन्होंने लद्दाख के लोगों के अनुकरणीय संयम और सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि लोगों का सहयोग और दृढ़ता क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने में सहायक रही है। उन्होंने शांति, सद्भाव और स्थिरता बनाए रखने के लिए सुरक्षा एजेंसियों के बीच निरंतर समन्वय की आवश्यकता पर भी बल दिया।
गौरतलब है कि गत 24 सितंबर को यह अशांति जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के नेतृत्व में एक भूख हड़ताल के दौरान भड़की, जब प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग, जिनमें ज़्यादातर युवा थे, ने कथित तौर पर भाजपा कार्यालय, लेह हिल काउंसिल भवन और कई वाहनों में आग लगा दी।सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोलीबारी की, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। लद्दाख प्रशासन ने घटनाओं के क्रम का पता लगाने के लिए पहले ही मजिस्ट्रेट जाँच के आदेश दे दिए हैं। इसी दिन कर्फ्यू लगाए जाने के बाद से लेह में स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है और शहर के किसी भी हिस्से से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है , हालांकि मोबाइल तथा इंटरनेट सेवाएँ अभी भी बंद हैं।
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