श्रीनगर, सितंबर 27 -- लद्दाख प्रशासन ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत गिरफ्तारी को उचित ठहराते हुए कहा है कि लेह में "शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने" तथा आगे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने से रोकने के लिए यह आवश्यक था।
लद्दाख सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय ने शुक्रवार देर रात जारी एक बयान में कहा कि लेह के उले टोकपो निवासी वांगचुक की भूख हड़ताल और विरोध प्रदर्शन "व्यक्तिगत और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं" से प्रेरित थे। वांगचुक को एनएसए ,1980 के तहत हिरासत में लिया गया था और बाद में उन्हें राजस्थान में जोधपुर के केन्द्रीय कारागाह में भेज दिया गया।
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