रांची , दिसम्बर 12 -- झारखंड में लघु खनिजों के प्रबंधन पर सामने आई सीएजी की विशेष ऑडिट रिपोर्ट ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है।

रिपोर्ट में 2017-22 के बीच खनन गतिविधियों में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है, जिसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में आज जुट गए हैं।

झारखंड के प्रधान महालेखाकार इंदु अग्रवाल ने बताया कि ऑडिट के दौरान लघु खनिज प्रबंधन में कई गंभीर खामियां पाई गई हैं-जिसमें बिना नंबर और बिना जीपीएस ट्रैकर वाली गाड़ियों से अवैध ढुलाई, सीमा से अधिक पट्टा आवंटन, वन भूमि पर खनन, और ई-नीलामी प्रक्रिया में देरी जैसी अनियमितताएं शामिल हैं। इनसे राज्य को बड़े राजस्व नुकसान के साथ-साथ पर्यावरण को भी गंभीर क्षति पहुंचने की बात सामने आई है।

रिपोर्ट में छह जिलों में खनन, पट्टा आवंटन और राजस्व प्रबंधन से जुड़ी गड़बड़ियों का स्पष्ट उल्लेख है। इसमें यह भी कहा गया कि कई मामलों में नवीकरण समय पर नहीं हुआ और कई पट्टों का आवंटन नियमों के विपरीत किया गया।

सीएजी रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार बचाव की मुद्रा में नजर आई। झारखंड सरकार के संसदीय व वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि सीएजी की आपत्तियों की समीक्षा सदन की पब्लिक अकाउंट्स कमिटी (पीएसी) करती है, और जिन आपत्तियों का निवारण संभव होता है, उन्हें प्रक्रिया के तहत निपटा दिया जाता है।

वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता और महासचिव राकेश सिन्हा ने भी रिपोर्ट को महत्वपूर्ण मानते हुए कहा कि सरकार को सीएजी की टिप्पणियों को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए।

सत्तारूढ़ दल जेएमएम ने रिपोर्ट के बहाने केंद्र और भाजपा को घेरा। जेएमएम के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान ट्रेन से बड़े पैमाने पर काला पत्थर राज्य से बाहर भेजा गया, लेकिन उस पर किसी ने कार्रवाई नहीं की। उन्होंने दावा किया कि बिहार में 70,000 करोड़ के कथित घोटाले पर केंद्रीय एजेंसियां चुप हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने बालू चोरी रोकने के लिए लगातार प्रयास किए, लेकिन 100% फुलप्रूफ व्यवस्था बनाना व्यवहारिक रूप से कठिन है।

विपक्ष ने रिपोर्ट को सरकार की नाकामी बताते हुए सीधा हमला बोला। भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि राज्य में अवैध बालू कारोबार खुलेआम चलता है और सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। उन्होंने उच्च न्यायालय से स्वत: संज्ञान लेने की मांग की है।

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