चेन्नई , नवंबर 28 -- रेलवे अगले वर्ष एक जनवरी से 'नॉन-एसी स्लीपर क्लास' के यात्रियों को 'सैनिटाइज्ड बेडरोल' (बिस्तर) उपलब्ध करवाएगा।
उल्लेखनीय है कि 'स्लीपर क्लास' के यात्रियों के आराम और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए यह सुविधा सबसे पहले दक्षिण रेलवे का चेन्नई रेल मंडल शुरू करने जा रहा है। 'नॉन-एसी स्लीपर क्लास' के यात्री एक जनवरी से निर्धारित भुगतान करके सैनिटाइज्ड बेडरोल का अनुरोध कर सकते हैं।
रेलवे की ओर से शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि अभी तक स्लीपर क्लास के यात्रियों के लिए इस प्रकार की बेडरोल की व्यवस्था नहीं थी। इस समस्या के समाधान के लिए चेन्नई मंडल ने 2023-24 के दौरान एक पायलट परियोजना लागू की थी। इस परियोजना को यात्रियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, जिसके चलते रेलवे ने इस सेवा को एक नियमित गैर-किराया राजस्व (एनएफआर) पहल के रूप में शुरू करने का निर्णय लिया है। इस सेवा से यात्रियों को लाभ तो होगा ही, साथ ही भारतीय रेलवे को भी अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होगी।
यह सेवा शुरू में चेन्नई मंडल की ओर से दस ट्रेनों में तीन साल की अवधि के लिए लागू की जाएगी। इससे रेलवे को बेडरोल उलब्ध कराने वालों को लाइसेंस देने के उपलक्ष्य में लगभग 28,27,653 रुपये का वार्षिक लाइसेंस शुल्क प्राप्त होगा। यात्रियों के लिए तीन प्रकार के पैकेज उपलब्ध होंगे। पहले पैकेज में, एक बेडशीट, एक तकिया और एक तकिए का कवर की कीमत 50 रुपये होगी। दूसरे पैकेज में , केवल एक तकिया और एक तकिए का कवर होगा, जिसकी कीमत 30 रूपए होगी। तीसरे पैकेज में, केवल एक बेडशीट होगी, जिसकी कीमत 20 रुपये होगी।
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