नयी दिल्ली , दिसंबर 12 -- सरकार ने कहा है कि पिछले 11 वर्ष में रेलवे में सुरक्षा और संरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के वार्षिक बजट 2014 के 39,463 करोड़ रुपये से बढ़ कर 1,16,470 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है और इस दौरान रेल हो गया है और इस दौरान दुर्घटनाओं की संख्या में काफी कमी आयी है।
भारतीय रेल की शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के हवाले से कहा गया है कि रेवले संरक्षा बजट बटाये जाने का असर स्पष्ट तौर पर देखने को मिल रहा है। वर्ष 2014 में जहां सालाना औसतन 171 रेल दुर्घटनाएं होती थी, वहीं 2025 में यह घटकर 11 पर आ गयीं।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस समय रेलवे में संरक्षा का रिकॉर्ड नयी ऊंचाई पर है।
रेल मंत्री ने बताया कि वर्ष 2014 में 90 कोहरा सुरक्षा उपकरण लगे थे, जो 2025 में 288 गुणा बढ़कर 25,939 तक पहुंच गये हैं। उन्होंने बताया कि पिछले चार महीनों में पर 21स्टेशनों पर सेंट्रलाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और ट्रैक-सर्किटिंग का काम पूरा हुआ है।
रेलवे के अनुसार 2023 और 2024 में रिपोर्ट की गई रेलवे ट्रैक में तोड़फोड़/छेड़छाड़ की सभी घटनाओं में राज्यों की पुलिस और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) और दूसरी कानून कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने मामले दर्ज किए हैं, जिसके बाद जांच की गई, अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और उन पर मामला चलाया गया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि अपराध को नियंत्रित करने, मामले दर्ज करने, उनकी जांच करने और रेलवे परिसरों के साथ-साथ चलती ट्रेनों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आरपीएफ सभी स्तर पर राज्य पुलिस/जीआरपी अधिकारियों के साथ नजदीकी संबंध बनाया गया है। इसमें तोड़फोड़ की घटनाओं पर ध्यान दिया जाता है और खूफिया जानकारी साझा की जाती है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए असरदार कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा, एनआईए,सीबीाई जैसी खास एजेंसियों को भी हालात के हिसाब से शामिल किया जाता है।
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