नयी दिल्ली , दिसंबर 26 -- रेलवे ने व्यस्त स्टेशनों को भीड़भाड़ से मुक्त करने और यात्रियों की सुविधा को बेहतर बनाने के उद्देश्य से 2030 तक 48 प्रमुख शहरों में ट्रेनों की शुरुआती क्षमता को लगभग दोगुना करने की महत्वाकांक्षी योजना शुरु की है।

इस योजना में शामिल होने वाले स्टेशनों में दिल्ली, जम्मू, मुंबई (मध्य रेलवे, पश्चिम रेलवे), जोधपुर, कोलकाता (पूर्वी रेलवे , दक्षिण पूर्वी रेलवे, कोलकाता मेट्रो), जयपुर, चेन्नई, वडोदरा, हैदराबाद, सूरत, बेंगलुरु, मडगांव, अहमदाबाद, कोचीन, पटना, पुरी, लखनऊ (उत्तर रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे), भुवनेश्वर, पुणे, विशाखापत्तनम, नागपुर (मध्य रेलवे, एसईसीआर), विजयवाड़ा, वाराणसी (उत्तर रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे), तिरुपति, कानपुर, हरिद्वार, गोरखपुर, गुवाहाटी, मथुरा, भागलपुर, अयोध्या, मुजफ्फरपुर, आगरा, दरभंगा, पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, गया, चंडीगढ़, मैसूर, लुधियाना, कोयंबटूर, अमृतसर, टाटानगर, इंदौर, रांची, भोपाल, रायपुर, उज्जैन और बरेली है।

मंत्रालय ने कहा कि अगले पांच वर्षों में क्षमता को धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा ताकि क्षमता वृद्धि का लाभ तुरंत मिल सके। इससे आने वाले वर्षों में यात्रियों की ज़रूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। यह योजना कार्यों को तीन श्रेणियों - तत्काल, अल्पकालिक और दीर्घकालिक में वर्गीकृत करेगीमंत्रालय ने स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने के लिए शामिल किए जाने वाले कार्यों का विवरण देते हुए कहा कि मौजूदा टर्मिनलों को अतिरिक्त प्लेटफॉर्म, स्टेबलिंग लाइन, पिट लाइन और पर्याप्त शंटिंग सुविधाओं के साथ बढ़ाया जाएगा। इसमें शहरी क्षेत्र में और उसके आसपास नए टर्मिनलों की पहचान करना और बनाना, रखरखाव सुविधाएं, जिसमें मेगा कोचिंग कॉम्प्लेक्स शामिल हैं, और यात्री सुविधा कार्यों, सिग्नलिंग अपग्रेडेशन और विभिन्न बिंदुओं पर बढ़ी हुई ट्रेनों को संभालने के लिए आवश्यक मल्टीट्रैकिंग के साथ लाइन क्षमता बढ़ाना भी शामिल होगा।

मंत्रालय ने कहा कि स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने की योजना बनाते समय उसके आसपास के स्टेशनों पर भी विचार किया जाएगा ताकि क्षमता समान रूप से संतुलित हो। उदाहरण के लिए, पुणे के लिए, हडपसर, खडकी और आलंदी को पुणे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म और स्टेबलिंग लाइन बढ़ाने के साथ-साथ क्षमता बढ़ाने के लिए विचार किया गया है।

मंत्रालय ने कहा कि उपरोक्त अभ्यास उपनगरीय और गैर-उपनगरीय दोनों तरह के ट्रैफिक के लिए किया जाएगा, जिसमें दोनों सेगमेंट की अलग-अलग ज़रूरतों को ध्यान में रखा जाएगा। इस योजना में ट्रेनों को संभालने की क्षमता को समय पर दोगुना करने के लक्ष्य को पाने के लिए प्लान किए गए, प्रस्तावित या पहले से मंज़ूर किए गए काम शामिल होंगे।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ सतीश कुमार ने सभी क्षेत्रीय रेलवे के मुख्य प्रबंधकों को लिखे पत्र में कहा है कि प्रस्तावित योजना खास होनी चाहिए, जिसमें साफ़ टाइमलाइन और तय नतीजे हों। हालांकि यह काम खास स्टेशनों पर फोकस करता है, लेकिन हर क्षेत्रीय रेलवे को अपने डिवीजनों में ट्रेन संभालने की क्षमता बढ़ाने की योजना बनानी चाहिए, यह पक्का करते हुए कि न सिर्फ़ टर्मिनल क्षमता बढ़े, बल्कि स्टेशनों और यार्डों पर लाइन क्षमता और संचालन दिक्कतों को भी असरदार तरीके से हल किया जाए।

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