नयी दिल्ली , दिसंबर 14 -- भारतीय रेलवे ने लिंके हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोचों के उत्पादन में लगातार प्रगति की है, जिन्हें यात्रियों के लिए बेहतर सुरक्षा, बेहतर यात्रा आराम और बेहतर परिचालन प्रदर्शन प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

रेलवे की तरफ से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार 2014 और 2025 के बीच, 42,600 से अधिक एलएचबी कोचों का विनिर्माण किया, जो 2004 और 2014 के बीच निर्मित 2,300 कोचों की तुलना में 18 गुना अधिक है।

चालू वित्त वर्ष 2025-26 (नवंबर 2025 तक) के दौरान कुल 4,224 से अधिक एलएचबी कोचों का विनिर्माण किया गया है। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि में उत्पादित 3,590 कोचों की तुलना में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है। उत्पादन में यह वृद्धि रेलवे इकाइयों में विनिर्माण क्षमता के निरंतर सुदृढ़ीकरण और बेहतर उत्पादन नियोजन को प्रदर्शित करती है।

इस अवधि के दौरान कारखाने वार प्रदर्शन की बात करें तो, इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ), चेन्नई ने 1,659 एलएचबी कोचों का उत्पादन किया है, इसके बाद मॉडर्न कोच फैक्ट्री (एमसीएफ), रायबरेली ने 1,234 कोचों का और रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ), कपूरथला ने 1,331 कोचों का उत्पादन किया है। इन सभी ने मिलकर एलएचबी कोच उत्पादन में समग्र वृद्धि में योगदान दिया है।

दीर्घकालिक तुलना की जाए तो हाल के वर्षों में हासिल की गई उल्लेखनीय प्रगति साफ दिखाई देती है। यह विस्तार एलएचबी कोचों को व्यापक रूप से अपनाकर यात्री परिवहन को आधुनिक बनाने पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने को रेखांकित करता है, जो अपने बेहतर सुरक्षा मानकों और कम रखरखाव की ज़रुरतों के लिए जाने जाते हैं।

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