प्रयागराज (वार्ता) उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की रेल विभाग अब ट्रेन अथवा प्लेटफार्मों पर लगने वाले स्टाल या चाय, नाश्ता या खाना बेचने वाला हर वेंडर के लिए एक परिचय पत्र बनाने जा रहा है।जिससे उनकी पहचान हो सके कि ये वैध है या फिर अवैध तरीके से ट्रेनों पर खान पान बेच रहे है। ये वेंडर अपने विशेष पहचान पत्र के साथ ही सामान बेचेगा, अन्यथा उस पर सख्त कार्रवाई होगी।
रेल विभाग ने आज बताया कि प्रयागराज मंडल ने सभी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर वेंडरों को क्यूआर कोड वाला खास परिचय पत्र देना शुरू कर दिया है। इस कार्ड को स्कैन करते ही वेंडर की पूरी जानकारी यात्री के मोबाइल पर आ जाएगी। वेंडर का नाम, आधार नंबर, लाइसेंस की वैधता, मेडिकल सर्टिफिकेट, पुलिस वेरिफिकेशन सब कुछ यात्री अपने फोन के जरिये जान सकेंगा।
मंडल रेल प्रबंधक रजनीश अग्रवाल के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान में कुल अब तक 1100 में से 850 से ज्यादा वेंडरों को नया क्यूआर कार्ड मिल चुका है। बाकी जल्द ही दे दिए जाएंगे। अब बिना इस कार्ड के कोई भी वेंडर ट्रेन में सामान नहीं बेच सकेगा। पकड़े जाने पर उसका लाइसेंस रद्द हो जाएगा और जुर्माना भी लगेगा। यात्री अब खुद ही चेक कर सकते हैं कि सामने वाला वेंडर असली है या नकली। बस अपने मोबाइल से क्यूआर कोड को स्कैन करें, और एक सेकंड में वेंडर की सारी डिटेल सामने आ जाएगी। इससे नकली वेंडरों की दुकान पूरी तरह बंद हो जाएगी। साथ ही खाने-पीने की गुणवत्ता भी बेहतर रहेगी।
उन्होंने कहा कि कि हर वेंडर का स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र और पुलिस सत्यापन की जांच हो रही है। यदि कोई वेंडर छुट्टी पर जाने वाला है तो वह अपना वेंडर कार्ड जमा करेगा।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक हरिमोहन की टीम दिन-रात इस काम में जुटी है। उन्होंने बताया कि छुट्टी पर जाने वाला वेंडर अपना कार्ड लाइसेंस जारी करने वाले के पास जमा करेगा, ताकि कोई और उसका दुरुपयोग न कर सके। कार्ड की वैधता खत्म होने पर उसे तुरंत निरस्त कर दिया जाएगा। यात्रियों से भी अपील की गई है कि अब सिर्फ क्यूआर कार्ड वाले वेंडर से ही सामान खरीदें।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित