अजमेर , दिसम्बर 27 -- राजस्थान में अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 814वां सालाना उर्स इस बार अजमेर रेल मंडल के लिए जहां फायदे का सौदा साबित हुआ, वहीं इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा करीब एक लाख से ज्यादा जायरीन रेल गाड़ियों से अजमेर पहुंचे।

अजमेर रेल मंडल के आधिकारिक सू्त्रों ने शनिवार को बताया कि करीब 16 जोड़ी रेलगाड़ियों से देश के कई स्थानों से आए ख्वाजा के दीवानों ने मजार पर अकीदत के फूल और चादर पेश की। जायरीन की सहूलियत और व्यवस्थाओं का अवलोकन करने के लिए शनिवार को मंडल रेल प्रबंधक राजू भूतडा ने औचक निरीक्षण करके रेलवे के कई अधिकारियों को लताड़ लगाई। साफ-सफाई सुरक्षा इंतजाम सहित रेलवे स्टॉल पर खाने और नाश्ते की व्यवस्था को उन्होंने बारीकी से देखा।

मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक कैप्टन मिहिर देव सहित कई उच्च अधिकारी इस दौरान उनके साथ मौजूद रहे। डीआरएम भूतडा ने रेलवे की टिकट खिड़कियों और जायरीन के रुकने की व्यवस्था को लेकर किए गए इंतजाम की समीक्षा की तो वहीं आरपीएफ के कंट्रोल रूम में पहुंचकर सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए सीसीटीवी कैमरा की भी बारीकी से जांच की ।

इस बार पाकिस्तान से जायरीन जत्था अजमेर नहीं आया, लेकिन उसके बावजूद रेलवे की ओर से पुख्ता और सुरक्षात्मक इंतजाम किए गए । अनौपचारिक रूप से शुक्रवार को उर्स मेला संपन्न हो गया और जायरीन की रवानगी भी तेज हो गई है। निरीक्षण के पश्चात पत्रकारों से चर्चा करते हुए श्री भूतड़ा ने बताया कि पिछले वर्ष की बनिस्बतत इस बार उर्स मेले में रेलगाड़ियों से आने वाले जायरीनों की आवक ज्यादा दर्ज की गई है।

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