बैतूल , नवंबर 10 -- मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के ग्राम सोनाघाटी में रेल विभाग की कार्रवाई से 60 परिवारों का आशियाना उजड़ गया।

ग्रामीणों का आरोप है कि रेलवे ने पिछले माह बिना किसी पूर्व सूचना या नोटिस के उनके अर्धनिर्मित और पक्के मकानों को जेसीबी से तोड़ दिया। इस कार्रवाई के बाद सभी परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। पीड़ित ग्रामीणों ने आज कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर से हस्तक्षेप और पुनर्वास की मांग की।

उन्होंने बताया कि वे पिछले 20 से 25 वर्षों से उसी भूमि पर रह रहे हैं और आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं। मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले इन परिवारों के मकान टूटने से बच्चों की शिक्षा और रोज़गार पर भी बुरा असर पड़ा है। उन्हें न तो नोटिस मिला और न ही अपनी बात रखने का अवसर।

ग्रामीणों ने कहा कि वे अनजाने में रेलवे भूमि पर बसे थे, लेकिन बिना सहायता बेघर कर देना अमानवीय है। उन्होंने प्रशासन से न्यायपूर्ण मुआवजा और पुनर्वास की मांग की है।

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