दिल्ली-गंगापुर सिटी रेल खंड पर 'कवच' प्रणाली का उच्च स्तरीय निरीक्षणकोटा , नवम्बर 19 -- दिल्ली-मथुरा-गंगापुर सिटी रेल खंड में हाल ही में लागू की गयी देश में विकसित स्वचालित रेल सुरक्षा प्रणाली 'कवच' का रेलवे बोर्ड एवं रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने निरीक्षण किया।
रेलवे सूत्रों ने बुधवार को बताया कि निरीक्षण दल का नेतृत्व रेलवे मंत्रालय के कार्यकारी निदेशक (लोक शिकायत) विकास कुमार जैन, प्रमुख कार्यकारी निदेशक (सिग्नल एवं दूरसंचार- विकास) सौरभ बंदोपाध्याय और निदेशक (लोक शिकायत) सत्य प्रकाश शर्मा ने किया। निरीक्षण के बाद विस्तृत उच्च स्तरीय समीक्षा की गयी।
निरीक्षण दल ने ट्रेन संख्या 12060 में दिल्ली से राजस्थान में गंगापुर सिटी तक यात्रा करते हुए कवच प्रणाली से जुड़े तकनीकी, सुरक्षा एवं व्यावहारिक मानकों का प्रत्यक्ष परीक्षण किया। इस दौरान आपात सूचना प्रणाली, स्वचालित ब्रेकिंग, गति नियंत्रण, कैब सिग्नलिंग, स्वचालित हॉर्न, सिग्नल उल्लंघन संरक्षण, गति नियंत्रण, लूप लाइन गति नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण परीक्षण सम्पन्न किये गये, जिनके परिणाम पूरी तरह उत्कृष्ट और संतोषजनक रहे।
सूत्रों ने बताया कि आपातकालीन परीक्षण के तहत मुडेशी रामपुर स्टेशन से इमरजेंसी अलार्म सक्रिय किया गया, जिसके फलस्वरूप ट्रेन स्वतः नियंत्रित होते हुए रुक गयी। इसी क्रम में सेवर-पिंगोरा सेक्शन में रेड (लाल) सिग्नल करके परीक्षण किया गया, जिसमें ट्रेन आईबीएस सिग्नल से करीब 33 मीटर पूर्व सुरक्षित रूप से रुक गयी। हिंडोन स्टेशन पर लूप लाइन नंबर एक के परीक्षण में 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रही ट्रेन को प्रणाली द्वारा स्वचालित रूप से 15 किलोमीटर प्रति घंटे की निर्धारित गति पर नियंत्रित कर दिया गया। साथ ही स्वचालित हॉर्न प्रणाली का समपार फाटक एवं तीव्र वक्र स्थलों पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
सूत्रों ने बताया कि कवच प्रणाली के सतर्क, सुरक्षित और उत्कृष्ट संचालन के लिये लोको पायलट मनोज कुमार मीणा एवं सहायक लोको पायलट संजय कुमार सैनी को 10 हजार रुपये का पुरस्कार प्रदान करके सम्मानित किया गया।
कवच एक स्वदेशी स्वचालित रेलगाड़ी सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली है, जो रेल दुर्घटनाओं की रोकथाम, गति नियंत्रण, सिग्नल उल्लंघन सुरक्षा, आपातकालीन ब्रेकिंग और सतत कैब सिग्नलिंग के माध्यम से रेल संचालन को अधिक सुरक्षित, विश्वसनीय एवं तकनीकी रूप से उन्नत बनाती है। यह भारतीय रेल की सुरक्षा यात्रा में एक ऐतिहासिक नवाचार है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित