विजयवाड़ा, सितंबर 30 -- आंध्रप्रदेश में वाईएसआरसीपी के प्रदेश महासचिव एसवी सतीश रेड्डी ने विधानसभा में ध्यान भटकाने वाली राजनीति और व्यक्तिगत हमलों का सहारा लेते हुए प्रदेश के महत्वपूर्ण हितों की उपेक्षा करने के लिए चंद्रबाबू नायडू सरकार की आलोचना की है।

उन्होंने अलमट्टी बांध की ऊँचाई बढ़ाने की कर्नाटक की योजना पर श्री नायडू की चुप्पी पर चिंता व्यक्त की और चेतावनी दी कि इससे आंध्र प्रदेश को कृष्णा नदी के 100 टीएमसी जल से वंचित होना पड़ेगा, सिंचाई और पेयजल आपूर्ति ठप हो जाएगी, रायलसीमा में सूखा बढ़ेगा और श्रीशैलम तथा नागार्जुन सागर में जल प्रवाह रुक जाएगा।

श्री रेड्डी ने कहा, "केंद्र में गठबंधन सहयोगी होने के नाते चंद्रबाबू को इसे रोकना होगा। उनकी विफलता राज्य के लिए एक अभिशाप के अलावा और कुछ नहीं है।"उन्होंने घोषणा की, "अलमट्टी अस्तित्व का सवाल है। अगर सरकार विफल होती है, तो वाईएसआरसीपी आंध्र प्रदेश के अधिकारों की रक्षा के लिए केंद्र में लड़ेगी।"उन्होंने कहा कि विधानसभा वास्तविक मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय वाईएस जगन मोहन रेड्डी को निशाना बनाने तक सीमित हो गई है। किसान समर्थन मूल्य की कमी के कारण अपनी फसलें बर्बाद कर रहे हैं, पेंशनभोगियों को नई पेंशन नहीं मिली है, और विशाखापत्तनम स्टील प्लांट के निजीकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों की अनदेखी की जा रही है।

उन्होंने कहा, "दिल्ली की यात्राओं से कोई फायदा नहीं हुआ। दुर्गा-श्रीशैलम सीप्लेन जैसे वादे भी खोखले साबित हुए हैं।" श्री रेड्डी ने श्री नायडू को चरित्र हनन की राजनीति का सूत्रधार बताते हुए बालकृष्ण-चिरंजीवी प्रकरण का हवाला दिया और सवाल किया कि बालकृष्ण ने माफ़ी क्यों नहीं मांगी और लोकेश चुप क्यों हैं जबकि पीत पत्रकारिता उनका बचाव कर रही है।

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