नयी दिल्ली , नवम्बर 21 -- दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को कहा कि झलकारी बाई जैसी वीरांगनाओं के कारण ही आज भारत स्वतंत्र हवा में सांस ले रहा है।
श्रीमती गुप्ता ने वीरांगना झलकारी बाई कोली की जयंती के कार्यक्रम में आज यहाँ उन्हें पुष्पांजलि दी और 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को नमन किया। उन्होंने कहा, " रानी लक्ष्मीबाई और वीरांगना झलकारी बाई के साथ ही देश में हजारों वीरांगनाएं ऐसी थीं, जो देश की स्वाधीनता एवं रक्षा के लिए लड़ती रहीं और उन्होंने सर्वस्व बलिदान दिया, लेकिन इतिहास के पन्नों में खो गईं। आज की पीढ़ी को उनके बारे में अवगत कराना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।"मुख्यमंत्री ने कहा कि झलकारी बाई एक साधारण कोली परिवार में जन्मी थीं। उनके पिता ने उनके हुनर को पहचानकर उन्हें सम्पूर्ण योद्धा बनाया, तलवारबाज़ी, घुड़सवारी और युद्ध कौशल सिखाया। उनका जीवन कुशलता, साहस और बलिदान का अद्वितीय उदाहरण है। रानी लक्ष्मीबाई ने उनके कौशल को देखा और उन्हें अपनी सेना दुर्गा दल में महत्वपूर्ण स्थान दिया। जब अंग्रेज़ों के विरुद्ध निर्णायक युद्ध चल रहा था, उस समय झलकारी बाई ने अपने प्राणों की परवाह किए बिना रानी का रूप धारण कर अंग्रेज़ों को भ्रमित किया, चक्रव्यूह रचा और पूरी ब्रिटिश सेना को उलझाए रखा, ताकि रानी सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा, " वीरांगना झलकारी बाई और रानी लक्ष्मीबाई का जीवन इस बात का प्रमाण है कि साहस का कोई लिंग नहीं होता। आज जरूरत है कि हम अपनी बेटियों को भी साहस, आत्मविश्वास और निर्णय-क्षमता से परिपूर्ण करें।"कल्याण मंत्री रविन्द्र इन्द्राज सिंह ने कहा कि महज 28 वर्ष की आयु में वीरांगना झलकारी बाई का बलिदान आज के समय में समझना भी कठिन है। झलकारी बाई ने न केवल एक रानी बल्कि एक वंश और इतिहास की रक्षा के लिए योगदान दिया। झलकारी बाई का बलिदान केवल एक वीरांगना का बलिदान नहीं, राष्ट्र-रक्षा की सर्वोच्च मिसाल है। आने वाले पांच वर्षों में ऐसे सभी महान व्यक्तित्वों के नाम चिन्हित किए जाएंगे और उनकी जयंती राज्य स्तर पर मनाई जाएगी। यह सरकार का संकल्प है कि किसी भी समाज के नायक इतिहास के अंधेरे में न रहें।
उन्होंने बताया कि आज एक कार्यक्रम में एक और ऐतिहासिक नाम भाई लखी शाह बंजारा को सूची में जोड़ने का निर्णय लिया गया है जिनके सामाजिक योगदान और सिखों के नौवें गुरु श्री तेग बहादुर के प्रति आस्था और समर्पण को नमन किया जाएगा।
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